मुम्बई इंडियंस ने चैंपियंस लीग टी-20 प्रतियोगिता कब और कैसे जीती ?
मुंबई इंडियंस ने आईपीएल के अलावा चैम्पियंस लीग टी20 में भी खिताबी जीत हासिल की थी, बाद में टूर्नामेंट बंद हो गया।
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घाटा और नुकसान से बंद
इस प्रतियोगिता की 50 फीसदी हिस्सेदारी बीसीसीआइ के पास थी। लेकिन यह प्रतियोगिता आइपीएल के मुकाबले एकदम फीकी रही। दर्शकों का टोटा पड़ गया तो प्रायोजकों ने प्रतियोगिता से हाथ खींच लिये। लगातार नुकसान के कारण 2015 में चैंपियंस लीग टी-20 क्रिकेट को बंद कर दिया गया। ये प्रतियोगिता तो बंद हो गयी लेकिन इससे एक फायदा ये मिला था कि आइपीएल की टॉप टीमों को अंतर्राष्ट्रीय क्लबों के साथ होड़ करने का मौका मिला था। 2011 में मुम्बई इंडियंस ने चैंपिंयंस लीग टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता जीती थी। हैरानी की बात ये है कि तब तक वह आइपीएल का खिताब भी नहीं जीत पायी थी।
2011 का IPL
2011 के आइपीएल में चार टीमें प्लेऑफ में पहुंची थीं, चेन्नई सुपरकिंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, मुम्बई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स। फाइनल में चेन्नई ने बैंगलोर को 58 रनों से हराया था। इसके बाद अक्टूबर 2011 में चैंपिंयंस लीग टी-20 क्रिकेट का आयोजन हुआ था। इस प्रतियोगिता में आइपीएल की तीन टॉप टीमें-चेन्नई, बैंगलोर और मुम्बई को खेलने का मौका मिला। कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम क्वालिफायर खेलने के बाद इसमें शामिल हुई थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की साउदर्न रेडबैक्स, न्यूसाउथवेल्स ब्लू, दक्षिण अफ्रीका की वारियर्स और केप कोबरा, इंग्लैंड की समरसेट और कैरिबियन द्वीप से त्रिनिदाद और टौबेगो की टीम भी इस प्रतियोगिता में शामिल हुई थी।
IPL की तीसरे नम्बर की टीम बनी चैंपियन
आंकड़ों के हिसाब से देखा जाय तो उस समय चेन्नई सुपर किंग्स विजेता होने के कारण आपीएल की सबसे मजबूत टीम थी। बैंगलोर की टीम उपविजेता थी। बैंगलोर ने दूसरे क्वालिफायर में मुम्बई को हरा दिया था। इस लिहाज से मुम्बई की टीम तीसरे नम्बर पर थी। लेकिन मुम्बई ने सबको चौंकाते हुए चैंपिंयंस लीग टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता जीत ली थी। फाइनल में पहुंचने से पहले मुम्बई ने चेन्नई, त्रिनिदाद और टोबैगो, केप कोबरा, न्यू साउथ वेल्स ब्लू की टीम को हराया था। सेमीफाइनल में मुम्बई ने इंग्लैंड की समरसेट टीम को हरा कर फाइनल में जगह पक्की की थी। दूसरे सेमीफाइनल में बैंगलोर ने ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स ब्लू को हराया था।
फाइनल मुकाबला
2011 में मुम्बई के कप्तान हरभजन सिंह थे । सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी से विश्राम ले लिया था। उनके सुझाव पर ही हरभजन को ये जिम्मेदारी मिली थी। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान डेनियल विटोरी थे। फाइनल में मुम्बई इंडियंस और रॉयल चैलेंडर्स बैंगलोर के बीच मुकाबला हुआ था। मुम्बई ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में सिर्फ 139 रन बनाये। मुम्बई की तरफ से जेम्स फ्रैंकलिन ने 41, अंबाती रायडू ने 22, सूर्य कुमार यादव ने 24 और लसिथ मलिंगा ने 16 रन बनाये थे। बैंगलोर की तरफ से कर्नाटक के अनकैप बॉलर राजू भटकल ने 3 विकेट लिये थे और डेनियल विटोरी को 2 विकेट मिले थे।
मुम्बई ने करिश्माई बॉलिंग से मैच जीता
यह एक लो स्कोरिंग मैच था जिसे मुम्बई ने अपनी लाजवाब बॉलिंग से जीत लिया था। उस समय मुम्बई के फास्ट बॉलर श्रीलंका के लसिथा मलिंग और असम के अबु नेचिम थे। कप्तान हरभजन सिंह और युजवेन्द्र चहल धारदार स्पिनर थे। ऑलराउंडर के रूप में किरोन पोलार्ड भी थे। इनकी बॉलिंग के आगे बैंगलोर की टीम बुरी तरह नाकाम रही। तिलकरत्ने दिलाशन 27, क्रिस गेल 5, विराट कोहली 11, मयंक अग्रवाल 14, सौरव तिवारी 17, मोहम्मद कैफ 3 रन ही बना सके। 19.2 ओवर में आरसीबी की पूरी टीम केवल 108 रनों पर ढेर हो गयी। हरभजन सिंह ने 3 जब कि मलिंगा, नेचिम और चहल ने 2-2 विकेट लिये। एक विकेट पोलार्ड को मिला। इस तरह मुम्बई ने 31 रन से ये फाइनल जीत लिया। हरभजन सिंह मैन ऑप द मैच बने थे। इसके बाद 2013 में भी मुम्बई ने चैंपियंस लीग टी-20 प्रतियोगिता जीती थी।