पृथ्वी शॉ ने बनाया रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा सर्वोच्च स्कोर, खेल दी 379 रनों की तूफानी पारी
पृथ्वी शॉ की इस तूफानी पारी ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में किसी बल्लेबाज द्वारा बनाया दूसरा सर्वोच्च स्कोर देख लिया है। इस पारी के साथ ही शॉ ने टीम इंडिया के लिए भी अपना मजूबत दावा ठोक दिया है।
भारत के विस्फोटक ओपनिंग बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने टीम इंडिया में वापसी के लिए एक मजबूत दावा ठोकते हुए अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रणजी ट्रॉफी स्कोर बनाया है। गुवाहाटी में अमिनगांव क्रिकेट ग्राउंड में मुंबई के सलामी बल्लेबाज ने मंगलवार को असम के खिलाफ दोहरा शतक लगा दिया था जिसके बाद उन्होंने दूसरे दिन 99 गेंदों पर 139 रन और बनाए और 383 गेंदों पर 379 रनों की विस्फोटक पारी खेलते हुए आउट हो गए। इस दौरान उन्होंने 49 चौके और 4 छक्के लगाए।
ये रणजी ट्रॉफी में शॉ का पहला तिहरा शतक है। रणजी में टॉप स्कोर की बात करें तो दिसंबर 1948 में काठियावाड़ के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए नाबाद 443 रन बनाने का रिकॉर्ड भाऊसाहेब निंबालकर के नाम है। ये रणजी में भी भारत के किसी बल्लेबाज का उच्चतम स्कोर है और फर्स्ट क्लास लेवल पर भी। अब शॉ इन दोनों में ही नंबर 2 पर पहुंच गए हैं।
शॉ रणजी पारी में 350 के पार जाने वाले नौवें बल्लेबाज बन गए हैं। वे इतने आक्रामक थे कि 400 का स्कोर भी करीब लग रहा था लेकिन तब लेग स्पिनर रेयान पराग की गेंद पर पगबाधा हो गए। इस दौरान शॉ ने मुशीर खान, अरमान जाफर और कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ बड़ी साझेदारियों को अंजाम दिया। रहाणे के साथ तो उन्होंने 401 रनों की साझेदारी की। इस दौरान भारतीय टीम से बाहर चल रहे अजिंक्य ने भी शतक लगाया।
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इस पारी ने शॉ के लिए खराब फॉर्म का अंत किया है। वे एक बार फिर से तूफानी लय में आ गए हैं। उन्होंने अपनी पहली सात पारियों में केवल एक अर्धशतक के साथ रणजी सीजन की शुरुआत की थी। इस पारी ने जरूर भारतीय सीनियर टीम के चयनकर्ताओं के दरवाजे पर दस्तक दी होगी जिनको ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम को चुनना है।
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शॉ ने भारत के लिए पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 खेला है लेकिन लंबे समय से टीम से बाहर हैं। उनको आखिरी बार जुलाई 2021 में श्रीलंका के सीमित ओवरों के दौरे के दौरान देखा गया था।