IPL 2022 के फाइनल मैच में होगी पैसों की बरसात, सिर्फ इनाम में दिये जायेंगे 50 करोड़, अगले सीजन भी बढ़ेगी राशि
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे मशहूर टी20 लीग आईपीएल का 15वें सीजन अपनी समाप्ति की ओर है, जिसका फाइनल मैच रविवार 29 मई को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जायेगा, जहां पर पहली बार सीजन का हिस्सा बन रही गुजरात टाइटंस की टीम का सामना पहले सीजन की विजेता राजस्थान रॉयल्स से होगा। इंडियन प्रीमियर लीग को सिर्फ उसकी लोकप्रियता के लिहाज से ही दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग नहीं कहा जाता बल्कि इस टी20 लीग की ब्रैंड वैल्यू ने भी दुनिया की बाकी फ्रैंचाइजी आधारित लीग को पीछे छोड़ दिया है और स्पोर्टस लीग के सबसे महंगे टूर्नामेंट के टॉप 10 में अपना नाम शुमार किया है।
इसका पता हमें इस लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों पर खर्च किये जाने वाले पैसे और खिताब जीतने वाली टीम को मिलने वाली ईनामी राशि से भी चलता है। जब आईपीएल का आगाज साल 2008 में किया गया तो इसे जीतने वाली टीम को 4.8 करोड़ रुपये की इनामी राशि मिली थी, हालांकि 15 सीजन के बाद यह इनामी राशि 5 गुना बढ़ चुकी है।
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जानें IPL 2022 में किसे मिलेगा कितना इनाम
रविवार को खेले जाने वाले इस फाइनल मुकाबले में गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स की टीम एक दूसरे के सामने उतरेंगी, जिसे देखने के लिये मैदान पर करीब 1.32 लाख दर्शक भी मौजूद होंगे। इस मैच में जीत हासिल करने वाली टीम को खिताब के साथ ही 20 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी जायेगी। वहीं पर उपविजेता रहने वाली टीम को 13 करोड़ रुपये इनाम में दिये जायेंगे। बीसीसीआई की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार आईपीएल में तीसरे पायदान पर रहने वाली टीम को 7 करोड़ रुपये मिलेंगे, जबकि चौथे पायदान पर काबिज टीम को 6.5 करोड़ रुपये की राशि दी जायेगी। इसका मतलब है कि आरसीबी की टीम को दूसरे क्वालिफायर में हार के बाद 7 करोड़ रुपये मिलेंगे तो वहीं पर पहली बार खेल रही लखनऊ सुपरजाएंटस की टीम को 6.5 करोड़ रुपये मिलेंगे।
अगले सीजन से बढ़ेगी 20-25 प्रतिशत इनामी राशि
इतना ही नहीं बीसीसीआई आईपीएल के 16वें सीजन से इस इनामी राशि में 20-25 प्रतिशत का इजाफा करने की ओर भी देख रही है। इनसाइड स्पोर्ट से बात करते हुए बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है।
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा,'आईपीएल की प्राइज मनी का बढ़ाने को लेकर अभी चर्चा जारी है। अगले साल से इसमें 20-25 प्रतिशत का इजाफा देखा जा सकता है, हालांकि अभी तक राशि को लेकर आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। अगले साल इस टूर्नामेंट शुरू होने से पहले इस पर आखिरी फैसला लिया जायेगा।'
6 साल पहले हुआ था आखिरी बदलाव
उल्लेखनीय है कि आखिरी बार साल 2016 में आईपीएल की प्राइज मनी को बढ़ाने का फैसला किया गया था, हालांकि इस सीजन अहमदाबाद और लखनऊ की दो नई टीमों को बेचकर बोर्ड को 12,175 करोड़ का फायदा जरूर मिला है लेकिन उसके बावजूद उसने इस सीजन अपनी इनामी राशि में कोई बदलाव नहीं किया है। यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि जब 2016 में इसमें बदलाव किया गया तो 2017 में इसे घटाकर 15 करोड़ कर दिया गया था, जिसे 2018 और 2019 में बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया गया था। 2020 में कोरोना महामारी के चलते इसे फिर से घटाकर 10 करोड़ कर दिया गया था लेकिन 2021-2022 में इसे फिर से बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया गया।
बीसीसीआई की कमाई में हुआ काफी फायदा
गौरतलब है कि इस बार बीसीसीआई को स्पॉन्सरशिप डील्स से 1000 करोड़ से ज्यादा का फायदा मिला है और दो नई टीमों की बिक्री के बाद उसके पास इतना पैसा हो गया है कि वो आईपीएल की प्राइज मनी को बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं बीसीसीआई को उम्मीद है कि अगले साल होने वाली बीसीसीआई की मीडिया अधिकारों की बिक्री से करीब 30 हजार करोड़ की आमदनी होने का अनुमान है जिसके बाद इसके बढ़ने की पूरी उम्मीदें हैं। हालांकि अभी भी दुनिया भर में खेली जानी वाली टी20 लीग में यह सबसे ज्यादा राशि है। आईपीएल में खेलने वाली फ्रैंचाइजियों को बीसीसीआई के टीवी अधिकारों से मिलने वाले पैसों में बड़ा हिस्सा मिलता है, जिसकी वजह से वो प्राइज मनी पर ज्यादा निर्भर नहीं रहते हैं।
हर दो साल में बढ़नी चाहिये इनामी राशि
एक फ्रैंचाइजी के सीईओ ने इनसाइड स्पोर्ट से बात करते हुए कहा,'जब आप इसे इस अंदाज में पेश करते हैं तो मुझे लगता है कि आईपीएल की इनामी राशि को हर दो साल में बढ़ना चाहिये। अब 10 टीमों के आने से इसे जाहिर तौर से बढ़ना चाहिये। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि यह सिर्फ सांकेतिक होता है, जाहिर तौर पर फ्रैंचाइजी के अंदर जो खिलाड़ी बेस प्राइज में चुने जाते हैं उन्हें बोनस के रूप में लाखों रुपये मिलते हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
2017 से ऐसा रहा है प्राइज मनी का हाल
सीजन | विजेता | रनर्स अप | तीसरा स्थान | चौथा स्थान |
2017 | ₹15 CR | ₹10 CR | ₹5 CR | ₹4.5 CR |
2018 | ₹20 CR | ₹12.5 CR | ₹8.75 CR | ₹8.75 CR |
2019 | ₹20 CR | ₹12.5 CR | ₹8.75 CR | ₹8.75 CR |
2020 | ₹10 CR | ₹6.25 CR | ₹4.375 CR | ₹4.375 CR |
2021 | ₹20 CR | ₹12.5 CR | ₹8.75 CR | ₹8.75 CR |
2022 | ₹20 CR | ₹13 CR | ₹7 CR | ₹6.5 CR |