अकील होसैन की लाजवाब फिरकी के सामने बेबस नजर आये टीम इंडिया के धुरंधर
अकील होसैन ने तो भारत के बल्लेबाजों को खामोश कर दिया।
स्पोर्ट्स डेस्क, अगस्त 1: अकील होसैन ने तो भारत के बल्लेबाजों को खामोश कर दिया। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी-20 मैच में भारत ने जरूर 190 रन बनाये लेकिन वे अकील हौसैन के आगे बिल्कुल बेबस नजर आये। बाएं हाथ के इस स्पिनर ने भारतीय बल्लेबाजों को बांध कर रख दिया। उन्होंने 4 ओवर की गेंदबाजी में सिर्फ 14 रन दिये और सूर्य कुमार यादव का बेशकीमती विकेट भी लिया। जब वेस्टइंडीज के अन्य गेंदबाजों की पिटाई हो रही थी तब अकेले अकील ही रनों के प्रवाह पर अंकुश लगाने में कामयाब हुए।
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क्या स्पिन खेलने में माहिर है भारतीय बल्लेबाज?
कहा जाता है भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों को बहुत अच्छा खेलते हैं। लेकिन इस मैच में तो ये बात दिखायी नहीं पड़ी। यह भी कहा जाता है कि टी-20 के फटाफट प्रारूप में स्पिनर नरम चारा हैं जिसे बल्लेबाज आसानी से अपना निवाला बना लेते हैं। लेकिन अब यह अवधारणा पुरानी हो चुकी है। अब प्राय: हर देश की टी-20 टीम में एक स्पिनर जरूर रहता है। पिछले कुछ वर्षों में रिस्ट स्पिनरों को शानदार कामयाबी मिली है। अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद खान का जलवा तो किसी तेज गेंदबाज भी से ज्यादा है। धाकड़ से धाकड़ बल्लेबाज भी उनके खिलाफ चौके-छक्के लगाने से कतराते हैं। वेस्टइंडीज के अकील हौसेन ने भी पिछले एक साल में अपनी गेंदबाजी से बहुत प्रभावित किया है।
रोस्टन चेज की जगह मिला था मौका
अकील हौसेन ने 2012 के अंडर-19 विश्वकप में अपनी प्रतिभा की झलक दिखायी थी। लेकिन तब से वे वेस्टइंडीज की टीम में शामिल होने का इंतजार करते रह गये। उस समय वेस्टइंडीज के चयनकर्ता स्पिनर के रूप में रोस्टन चेज पर ज्यादा भरोसा करते थे। 2020 के अंत में बांग्लादेश दौरे के लिए वेस्टइंडीज टीम का चयन होना था। जनवरी 2021 से सीरीज शुरू होनी थी। उस समय कोरोना महामारी का खौफ छाया हुआ था। इस बीच वेस्टइंडीज के 12 सीनियर खिलाड़ियों ने बांग्लादेश जाने से इंकार कर दिया। मना करने वालों में जेसन होल्डर, कीरोन पोलार्ड, ब्रावो, रोस्टन चेज, निकोलस पूरन, हेटमायर जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे। ऐसी स्थिति में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड को टेस्ट और एक दिवसीय मैचों के लिए अलग-अलग नयी टीम चुननी पड़ी। रोस्टन चेज के नहीं आने के कारण वनडे टीम में अकील हौसैन को चुना गया।
9 साल इंतजार, पहले ही मैच में छा गये
9 साल के इंतजार के बाद आखिरकार अकील होसैन को वेस्टइंडीज की जर्सी पहनने का मौका मिला। उस समय वेस्टइंडीज की हालत ये थी कि जेसन मोहम्मद जैसे कम अनुभवी क्रिकेटर को वनडे टीम का कप्तान बनाना पड़ा। 20 जनवरी 2021 को एकील होसैन ने बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में अपने वनडे करियर का आगाज किया। पहले ही मैच में उन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाजी का झंडा गाड़ दिया। 10 ओवर की गेंदबाजी में उन्होंने 1 मेडन रखते हुए सिर्फ 26 रन दिये और 3 विकेट लिये। इससे बेहतर डेब्यू और क्या हो सकता था। इस प्रदर्शन के जरिये अकील होसैन ने वेस्टइंडीज के चयनकर्ताओं को जैसे कहा, जनाब! आखिर आपने इतने दिनों तक मेरी अनदेखी क्यों की?
वेस्टइंडीज में स्पिन गेंदबाजी
इसके बाद अकील होसैन मैच दर मैच अपने प्रदर्शन में निखार लाते गये। उन्होंने अभी तक 26 वनडे में 39 विकेट लिये हैं। 24 टी-20 मैचों में 18 विकेट ले चुके हैं। भारत के साथ वर्तमान सीरीज में भी अकील होसैन पूरी लय में हैं। वेस्टइंडीज की पहचान तेज गेंदबाजी को लेकर है। इस टीम में किसी स्पिनर के लिए लंबे समय तक स्थान बनाये रखना काफी मुश्किल होता है। सत्तर के दशक में लांस गिब्स वेस्टइंडीज के नामी स्पिनर हुआ करते थे।
कुछ स्पिनर्स में किया अच्छा प्रदर्शन
1975 में वेस्टइंडीज के भारत दौरे पर लांस गिब्स भी आये थे। 1975-76 में 309 विकेट लेकर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने का विश्व कीर्तिमान बनाया था। इसके बाद फिर कोई कैरेबियन स्पिनर इस ऊंचाई पर नहीं पहुंच सका। सनी रामदीन 43 टेस्ट में 158 विकेट लिये। कार्ल हूपर बैटिंग ऑलराउंडर थे। मौलिक रूप से वे बल्लेबाज थे लेकिन अच्छी स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। उन्होंने 102 टेस्ट में 114 विकेट लिये थे।
जडेजा की तरह बनना चाहते हैं अकील होसैन
हाल के समय में देवेन्द्र बिशु वेस्टइंडीज के सफल स्पिन गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने 36 टेस्ट मैचों में 117 विकेट लिये हैं। स्पिन गेंदबाजी में कुछ समय तक सुलेमान बेन का भी नाम रहा। उन्होंने 26 टेस्ट में 87 विकेट लिये थे। लेकिन 2015 के बाद वे वेस्टइंडीज की टीम से बाहर हो गये। अब अकील होसैन ने अपनी फिरकी का जादू दिखाया है। उन्हें टी-20 का विशेषज्ञ गेंदबाज माना जा रहा है। अकील खुद को टीम में ऑलराउंडर की तरह स्थापित करना चाहते हैं। वनडे में उनका सर्वोच्च स्कोर है 60 रन। टी-20 में भी उन्होंने 44 नाबाद की तेजतर्रार पारी खेली है। कुछ साल पहले उन्होंने कहा था, मैं भारत के खिलाड़ी रवीन्द्र जडेजा की तरह बनना चाहता हूं।