Ganesh Chandra Chauhan : यूपी में सफाई कर्मचारी गणेश चंद्र बने विधायक, जानिए किस पार्टी के नेता को दी शिकस्त
संतकबीरनगर, 14 मार्च: उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले की धनघटा सीट पर सफाई कर्मचारी गणेश चंद्र चौहान ने बड़ी जीत हासिल की है। गणेश चंद्र बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार अलगू प्रसाद को 10 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी है। गणेश चंद्र चौहान सफाई कर्मचारी थे, बीजेपी ने उन्हें धनघटा सीट से उम्मीदवार बनाया था। गणेश चंद्र चौहान ने समाज के लिए एक मिसाल कायम की है। बता दें, गणेश चंद्र के पिता भी एक सफाई कर्मचारी हैं और दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।
गणेश चंद्र ने कहा - आम आदमी भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है
गणेश चंद्र ने कहा, धनघटा के लोगों और भारतीय जनता पार्टी ने समाज को यह संदेश दिया कि जाति, धर्म, आर्थिक स्थिति मायने नहीं रखती और आज एक आम आदमी भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। सफाई कर्मचारी से राजनेता बनने के सफर के बारे में पूछे जाने पर गणेश ने कहा, "उत्तर प्रदेश के लोगों का दिल बड़ा है। उन्होंने मुझे वोट देकर यह साबित किया है।"
गणेश ने कहा- लोगों ने वंशवाद, जातिवाद की राजनीति को खारिज किया
चौहान
ने
कहा,
"एक
बार
दिहाड़ी
मजदूर
का
बेटा
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
के
लिए
निर्वाचित
हो
गया
है,
इसके
माध्यम
से
उत्तर
प्रदेश
के
लोगों
ने
अपने
सोचने
का
तरीका
दिखाया
है।
इससे
यह
स्पष्ट
है
कि
भाजपा
के
पांच
साल
के
साथ
उत्तर
प्रदेश
अच्छे
शासन
के
लिए
बदल
गया
है।
लोगों
ने
वंशवाद
की
राजनीति
और
जातिवाद
को
खारिज
कर
दिया
है।"
पीएम मोदी की जमकर की तारीफ
समाज के सबसे छोटे लोगों के लिए भी पीएम नरेंद्र मोदी के सम्मान का जिक्र करते हुए गणेश चंद्र ने कहा, "प्रयागराज (इलाहाबाद) में मोदी जी ने सफाई कर्मचारियों को बहुत सम्मान दिया। उन्होंने सफाई कर्मियों के पैर छुए और संदेश दिया कि यदि कोई व्यक्ति समाज की गंदगी साफ कर रहे हैं, वह कोई छोटा आदमी नहीं है।" उन्होंने कहा, "जिस तरह से प्रधानमंत्री ने सफाई कर्मियों को सम्मान दिया है और चुनाव टिकट दिया है, हर छोटे कर्मचारी को यह महसूस करना चाहिए कि वे ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं।"
मेरी जीत के लिए रिक्शा चालकों ने कड़ी मेहनत की
गणेश चंद्र ने कहा, "मैं केवल लोगों की सेवा करना चाहता हूं। मैं अपनी गाड़ी में 'पूड़ी सब्जी' रखता था और COVID-19 महामारी के दौरान रिक्शा चालकों को खाना खिलाता था, क्योंकि उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं था।" उन्होंने आगे कहा, "संत कबीर नगर में यूपी और बिहार के कई रिक्शा चालक रहते हैं। जब मुझे बीजेपी से चुनावी टिकट मिला तो सभी के आंसू छलक पड़े। इन लोगों ने मेरी जीत के लिए कड़ी मेहनत की है।"
मेरी जीत पर रिक्शा चालकों ने मनाई खुशी
चौहान
ने
बताया,
"जिस
दिन
मैं
धनघाट
विधानसभा
से
जीता,
लोग
एक-दूसरे
को
गले
लगा
रहे
थे।
रिक्शा
चालक
चिल्ला
रहे
थे
और
सभी
को
बता
रहे
थे
कि
मैंने
उन्हें
तीन
महीने
तक
लॉकडाउन
के
दौरान
खिलाया,
जब
किसी
ने
उनकी
परवाह
नहीं
की।"
यूपी फतह के बाद दिल्ली में सीएम योगी, पीएम मोदी से की मुलाकात, नई कैबिनेट पर चर्चा