राजस्थान: लोगों के दिलों से अपराधियों का दहशत हो कम, इसलिए पुलिस विभाग ने इस अपराधी का निकाला जुलूस
जयपुर। कुख्यात गैंगस्टर जो कभी पुलिस की एके 47 के साये में इठलाता हुए जेल से निकला करता था। उसका पुलिस ने शहर की सड़कों पर ऐसा जुलूस निकाला कि हर कोई देखकर चौंक गया। जिसके नाम से लोग सहम व भयभीत हो जाते थे, उसे हथकड़ियों में बेबस सड़कों पर चलने को मजबूर पाकर हैरान थे। गैंगस्टर की सड़कों पर मामूली मुजरिम जैसी परेड़ प्रदेशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। सुभाष तब काफी चर्चा में आया था, जब उसने सीकर जेल में अंदर पिस्टल मंगवाकर जेल में बंद दूसरे अपराधी राजू ठेठ को गोली मार दी थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आमजन के दिलों से सुभाष का खौफ दूर करने के लिए सीकर की सड़कों पर आम अपराधियों की तरह उसकी परेड़ कराई गई। पुलिस अधिकारियों का भी कहना है कि अपराधियों को वीआईपी की तरह सुरक्षा मिलने से वे अपने आपको जनता के बीच 'बड़ा' होने का एहसास दिलाते हैं। प्रभावित होकर कई युवा भी ऐसे अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं। ऐसे अपराधियों का इस तरह से जुलूस निकालने से ही आमजन के भीतर से खौफ दूर हो पाएगा। सुभाष बराल को टी-शर्ट और निक्कर में आमजन के बीच केवल एक सिपाही के साथ चलता हुआ दिखाया गया। उसे मामूली अपराधी की तरह जंजीर से जकड़ा हुआ था। हालांकि कुछ पुलिस वाले दूरी बनाकर चल रहे थे।
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के आनंदपाल गैंग के कुख्यात गैंगस्टर सुभाष बराल की। राजस्थान पुलिस को चकमा देकर गैंगस्टर आंनदपाल के साथ सुभाष बराल भाग निकला था। अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से आनन्दपाल और सुभाष को बंद गाड़ियों में एके 47 के साए में बाहर पेशी पर ले जाया जाता था। दो साल पूर्व पेशी पर ले जाने के दौरान खूंखार अपराधी आनन्दपाल, सुभाष व श्रीवल्लभ नागौर जिले से फरार हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने कई बार इनका पीछा किया, तो इन्होंने पुलिस पर ही कई बार फायरिंग की। पिछले वर्ष राजस्थान पुलिस ने आनन्दपाल का एनकाउंटर किया था। उसके बाद आनन्दपाल गैंग की कमान सुभाष बराल के हाथ में आ गई थी। सुभाष को आनन्दपाल का सबसे करीबी गुर्गा माना जाता है। पुलिस ने इस अपराधी को आनन्दपाल के एनकाउंटर से पहले गिरफ्तार किया था।
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