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Success Story : झोपड़-पट्टी वाला विशाल बनेगा इंजीनियर, चाय की दुकान पर काम करके मुकेश PWD में बना अफसर

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कहते हैं सफलता हासिल करने में भगवान भी उन्‍हीं का साथ देता है, जो मेहनत करते हैं। विकट परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते। इस बात का उदाहरण राजस्‍थान के ये दो शख्‍स हैं, जिनकी कामयाबी की राह में परिवार की आर्थिक स्थिति भी रोड़ा नहीं बन सकी। एक ने झोपड़-पट्टी जीवन बिताकर तो दूसरे ने चाय की दुकान पर काम करके सक्‍सेस पाई है।

मुकेश दाधीच के पिता जय प्रकाश चाय की दुकान पर काम करते

मुकेश दाधीच के पिता जय प्रकाश चाय की दुकान पर काम करते

सबसे पहले बात करते हैं कि सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) में जूनियर इंजीनियर बने मुकेश दाधीच की। मुकेश राजस्‍थान में जोधपुर के रहने वाले मुकेश दाधीच के पिता जय प्रकाश चाय की दुकान पर काम करते थे। दिन में चाय बनाते, गिलास धोते और रात को गार्ड की नौकरी करते। स्‍कूल के दिनों से ही मुकेश भी चाय की दुकान पर अपने पिता का हाथ बंटाने लगे थे।

रात को एटीएम में गार्ड की नौकरी

रात को एटीएम में गार्ड की नौकरी

पढ़ाई का खर्च बढ़ने के कारण मुकेश ने चाय की दुकान के साथ-साथ रात को एटीएम में गार्ड की नौकरी लगे। इसके साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। फिर मुकेश दाधीच का सार्वजनिक निर्माण विभाग में कनिष्ठ अभियन्ता पर चयन हो गया। मीडिया से बातचीत में मुकेश ने कहा कि सफलता मेहनत मांगती है। मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।

विशाल विश्वास भी इंजीनियर बनने वाला

विशाल विश्वास भी इंजीनियर बनने वाला

दूसरी सक्‍सेस स्‍टोरी राजस्‍थान की शिक्षानगरी कोटा से है। कोटा शहर में गणेशपुरा तालाब के पास झोपड़ पट्टी में रहने वाला विशाल विश्वास भी इंजीनियर बनने वाला है। विशाल ने पहले बोर्ड परीक्षा और उसके बाद जेईई मैन में कमाल कर दिखाया। विशाल का दाखिला एनआईटी, सूरत में कैमिकल ब्रांच में हुआ है। विशाल के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है। पिता सब्‍जी का ठेला लगाते हैं।

पिता बुद्धि विश्वास आठवीं तक पढ़े, मां अपनढ़

पिता बुद्धि विश्वास आठवीं तक पढ़े, मां अपनढ़

पिता बुद्धि विश्वास आठवीं तक पढ़े हैं और अपनढ़ मां शैफाली दूसरों के घर बर्तन मांजती और झाड़ू-पोछा करती हैं। इन दोनों ने स्‍कूल कॉलेज की ओर विशाल के बढ़ते कदम कभी नहीं रोके। मेहनत मजदूरी करके विशाल को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाया। पाई-पाई जोड़कर उसको कोटा से कोचिंग करवाई। अब विशाल इंजीनियर बनने वाला है।

थ्री इडियट्स मूवी देखकर काबिल बनने की ठानी

थ्री इडियट्स मूवी देखकर काबिल बनने की ठानी

मीडिया से बातचीत में विशाल ने बताया कि उसने दसवीं में 73 और 12वीं 78 फीसदी अंक हासिल किए। थ्री इडियट्स मूवी देखकर काबिल बनने की ठानी थी। अब विशाल का एनआईटी में एडमिशन हो चुका है। इसकी बहन वर्षा ने भी नीट यूजी 2022 में अच्छे अंक प्राप्त किए है। अब वह बीडीएस की पढ़ाई करेगी। इनका छोटा भाई बिपिन भी होनहार है। दसवीं कक्षा में 93 प्रतिशत अंक प्राप्‍त करने वाला बिपिन अभी 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है।

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English summary
kota slum boy vishal will become an engineer jodhpur Mukesh dadhich selected in PWD
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