शर्मनाक: राजस्थान में डायन बताकर लोगों ने मां-बेटी पर बरपाया कहर, बच्चों को खा जाने का आरोप
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में अंधविश्वास के चक्कर में हैवानियत की सारी हदें पार कर देने का मामला सामने आया है। एक पड़ोसी ने मां-बेटी को डायन बताकर उन पर कहर बरपा दिया। उनके साथ बेरहमी से मारपीट की और घर तोड़ डाला।
मां—बेटी अस्पताल में भर्ती
हर किसी को झकझोर देने वाला यह मामला भीलवाड़ा जिले के कारोई कस्बे का है। आरोप है कि एक मां-बेटी के साथ उनके पड़ोसी ने उन्हें डायन बताकर मारपीट की, जिससे उन्हें चोटें आई हैं। दोनों को महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा में भर्ती करवाया गया है।
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दूध पी जाने का भी आरोप
भीलवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला ने बताया कि पड़ोसी भवंरदास व उसके बेटे मनोज और विनोद वैष्णव के साथ मिलकर करीब आधा दर्जन लोगों ने डायन (डाकन) बताते हुए हमला किया। घर तोड़ दिया। गला दबा दिया और मारपीट की उन्होंने दूध पी जाने और बच्चों को खा जाने का आरोप भी लगाया। वे हमें यहां से निकालना चाहते हैं।
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सखी सेंटर की टीम पहुंची अस्पताल
मां-बेटी को डायन बताकर मारपीट करने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाए जाने की सूचना पर भीलवाड़ा महिला बाल विकास विभाग ने सखी सेन्टर से एक टीम अस्पताल भेजी। टीम ने दोनों पीड़िताओं के बयान दर्ज किए हैं।
पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता
अस्पताल में भर्ती महिला की बेटी ने बताया कि आरोपी उन्हें घर से निकालना चाहते हैं। इसलिए डायन बताकर मारपीट करने के साथ-साथ गायों का दूध पी जाने व बच्चों को खा जाने का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले की सूचना पुलिस को भी दी, मगर पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।
सखी सेंटर टीम करेगी देखभाल
भीलवाड़ा महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक नागेन्द्र कुमार तोलम्बिया ने बताया कि सखी सेंटर की टीम अस्पताल भेज दी गई है, जो पीड़िताओं की देखभाल व काउंसलिंग करेगी ताकि वे अपनी दास्तां बेखौफ होकर बयां कर सकें। इसके बाद उनको आर्थिक राहत प्रदान की जाएगी।
डायन बोलने पर सजा व जुर्माने का प्रावधान
उपनिदेशक नागेन्द्र कुमार तोलम्बिया के अनुसार राजस्थान डायन प्रताड़ना अधिनियम 2015 व 2016 के तहत किसी भी महिला को डायन बताना या उसके साथ हिंसा करना कानूनन अपराध है। इसके लिए एक वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। डायन बताकर पीटने पर मौत हो जाने की स्थिति में सात वर्ष का कठोर कारावास और पचास हजार रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।