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‘पंजाब दी गल’ राजेवाल के साथ क्यों नहीं हुआ AAP का गठबंधन, क्या कांग्रेस के साथ जाएंगे बलबीर सिंह ?

विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज़ हो चुकी हैं, सभी सियासी दल मतदाताओं को लुभाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं।

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चंडीगढ़, 13 जनवरी 2022। विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज़ हो चुकी हैं, सभी सियासी दल मतदाताओं को लुभाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं। 'पंजाब दी गल' में आज हम सियासी गलियारों की कुछ चर्चाओं का ज़िक्र करेंगे जिससे आप पंजाब की राजनीतिक स्थितियों को से रूबरू हो पाएंगे। आज के इसे कॉलम में हम राजेवाल की आम आदमी पार्टी के साथ सहमति क्यों नहीं बनी ? कांग्रेस के साथ किसान संगठन के समीकरण के क्या आसार बन रहे हैं ? संयुक्त समाज मोर्चा ने 10 उम्मीदवारों की घोषणा की है, इन उम्मीदवारों के उतरने से किस पार्टी को ज़्यादा नुकसान हो सकता है ? इसके साथ ही पंजाब के सिख संगठन ने राजनीतिक दलों की किस तरह से मुश्किलें बढ़ा दी हैं,इन्हीं सब मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ये मुद्दे पंजाब की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है और अटकलों का बाज़ार गर्म है।

केजरीवाल ने बताई वजह, क्यों नहीं हुआ गठबंधन ?

केजरीवाल ने बताई वजह, क्यों नहीं हुआ गठबंधन ?

पंजाब में यह चर्चा ज़ोरों पर थी कि आम आदमी पार्टी के साथ किसान नेता बलबबीर सिंब राजेवाल गठबंधन कर सकते हैं। लेकिन हाल ही में बलबीर सिंह राजेवाल ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से साफ़ इनकार कर दिया। वहीं इस मामले में अरविंद केजरीवाल भी मीडिया से मुखातिब हुए, उन्होंने कहा कि बलबीर सिंह राजेवाल गठबंधन के सिसिले में उनके घर पर आए थे। उन्होंने मुलाक़ात के दौरान 60 सीटों की मांग की थी लेकिन उस वक्त तक आम आदमी पार्टी के 90 उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी थी। अरविंद केजरिवाल ने कहा कि 117 में सीटों में से 90 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। 27 सीटें बाक़ी बची हैं, इनमें से 10 से 15 सीटें आप (राजेवाल) ले सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिन 90 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है, वह भी आपके और किसानों के ही बच्चे हैं। जिन उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है उन्हें बदला नहीं जा सकता है।

कांग्रेस के साथ किस तर्ज़ पर हो सकता है गठबंधन ?

कांग्रेस के साथ किस तर्ज़ पर हो सकता है गठबंधन ?

बलबीर सिंह राजेवाल की कांग्रेस के साथ गठबंधन की भी ख़बर आ रही है। सूत्रों की मानें तो जिस तर्ज़ पर राजेवाल ने अरविंद केजरीवाल के साथ गठबंधन की पेशकश की थी उस तरह से पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन मुमकिन नहीं है। क्योंकि कांग्रेस किसी भी हाल में राजेवाल को 60 सीटें नहीं देने वाली है। 20 से 25 सीटें सशर्त दी जा सकती हैं। इसमें शर्त यह होगी की राजेवाल को किसान संगठन के नाम पर सीटें दी जाएंगी लेकिन उम्मीदवार का चयन कांग्रेस करेगी। सूत्रों की मानें तो 10 से 15 सीटें ही राजेवाल को दी जाएंगी जिस पर वह अपने मुताबिक उम्मीदवार उतार सकते हैं, वह भी कांग्रेस अपने मुताबिक विधानसभा सीट देगी, जो सीटें राजेवाले मांगेंगे वही सीटे मिले यह मुमकिन नहीं है। वहीं सियासी जानकारों का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस के साथ सशर्त गठबंधन की बात आ रही है ऐसे में कम ही उम्मीद है कि राजेवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे।

संयुक्त समाज मोर्चा के उम्मीदवारों से किसे होगा नुकसान ?

संयुक्त समाज मोर्चा के उम्मीदवारों से किसे होगा नुकसान ?

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने संयुक्त समाज मोर्चा के बैनर तले अपने दस उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इन उम्मीदवारों में समराला से बलवीर सिंह राजेवाल, घनौर से एडवोकेट प्रेम सिंह भंगू, खड़ूर साहिब से हरजिंदर सिंह टांडा, मोहाली से रवनीत सिंह बराड़, तरनतारन से डॉक्टर सुखमनदीप सिंह ढिल्लो, करतारपुर से राजेश कुमार, जैतो से रमनदीप सिंह, फिल्लौर से अजय कुमार, कादियां से बलराज सिंह ठाकुर, मोगा से नवदीप संघा के नाम शामिल हैं। पंजाब के सियासी आंकड़े की बात की जाए तो इन विधानसभा सीटों पर किसानों की पकड़ अच्छी है। इन उम्मीदवारों की वजह से ज़्यादातर भारतीय जनता पार्टी के वोट बैंक पर असर पडने वाला है। क्योंकि यह वही सीटें जहां से पंजाब में किसान आंदोलन की शुरूआत हुई थी। किसान आंदोलन के दौरान यहां एक ही बात पर चर्चा होती थी कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को वोट दे दिया जाएगा लेकिन किसी भी हाल में भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देना है।

सिख संगठनों ने बढ़ाई सियासी दलों की मुश्किलें

सिख संगठनों ने बढ़ाई सियासी दलों की मुश्किलें

पंजाब में विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद डेरा सच्चा सौदा तरफ़ से डेरा सलाबतपुरा में भंडारे का आयोजन किया गया था। भंडारा में इतनी ज़्यादा भीड़ जमा हो गई कि वह अब चर्चा का विषय बना हुआ है। जिला प्रशासन की तरफ़ से डेरे में भीड़ जमा होने की वजह से पिछले दिनों नोटिस भी जारी किया गया। इस बाबत गुरुद्वारा सिंह सभा में खालसा दीवान श्री गुरु सिंह सभा की तरफ़ से बैठक की गई। पंजाब के सिख संगठनों ने मिलकर ऐलान किया है कि डेरा में जाने वाले नेताओं का बायकाट किया जाएगा। वरिंदर सिंह बल्ला की अगुआई में संयुक्त संगठनों ने बॉयकॉट करने का फैसला लिया है। फ़ैसले में कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा जान वाले राजनीतिक नेताओं का बायकॉट किया जाएगा। अकाल तख्त के हुक्म के मुताबिक डेरा सलाबतपुरा जाने वाले नेताओं के साथ किसी भी तरह का ताल्लुक नहीं रखा जाएगा


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English summary
Why did AAP not have an alliance with Rajewal, will balbir singh go with Congress?
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