पंजाब: पूर्व IPS अधिकारी का अजीबो गरीब सुझाव, नशेड़ियों को भुक्की और अफ़ीम देकर सुधारने की दी सलाह
सभी सियासा पार्टियां दावा कर रही है कि उनकी सरकार आने पर नशा पर लगाम लगाया जाएगा। वहीं अब पंजाब में बढ़ रहे नशे को रोकने के लिए पंजाब पुलिस के पूर्व आईपाएस इकबाल सिंह ने अजीबो ग़रीब सुझाव दिया है।
चंडीगढ़,
27
नवम्बर
2021।
पंजाब
में
नशा
का
मुद्दा
हर
सियासी
पार्टी
के
लिए
चुनावी
मुद्दा
बना
हुआ
है।
सभी
सियासा
पार्टियां
दावा
कर
रही
है
कि
उनकी
सरकार
आने
पर
नशा
पर
लगाम
लगाया
जाएगा।
वहीं
अब
पंजाब
में
बढ़
रहे
नशे
को
रोकने
के
लिए
पंजाब
पुलिस
के
पूर्व
आईपाएस
इकबाल
सिंह
ने
अजीबो
ग़रीब
सुझाव
दिया
है।
उन्होंने
नशेडियों
का
नशा
भुक्की
और
अफ़ीम
देकर
सुधारने
की
सलाह
दी
है।
पूर्व
आईपीएस
अधिकारी
इकबाल
सिंह
गिल
और
समाज
सेवी
इंद्रजीत
धींगड़ा
ने
सीएम
चरणजीत
सिंह
चन्नी
को
पत्र
लिखकर
सलाह
दी
है
कि
पंजाब
सरकार
नशेड़ियों
को
ओएसटी
और
ओओएटी
सेंटरों
पर
नशेड़ियों
को
दवा
की
जगह
भुक्की
और
अफीम
की
सीमित
डोज
देने
की
वक़ालत
की
है।
'नशा की पूर्ति करती है दवा'
पूर्व आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह गिल ने इसके पीछे तर्क दिया है कि जो दवा नशा छुड़ाने के लिए इन सेंटरों पर दी जा रही है। उससे नशा छुड़वाने में मदद नहीं मिलती बल्कि नशा की पूर्ति करती है। इसलिए सरकार क्यों न दवा की जगह भुक्की और अफीम नशेड़ियों को दे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सरकार को नशा मुक्ति अभियान पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का फायदा होगा और सिंथेटिक से मर रहे नौजवानों को भी बचाया जा सकेगा। ग़ौरतलब है कि पंजाब में नशा के मुद्दे पर जमकार राजनीति हो रही है, विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष भी नशा के मुद्दे पर बयानबाज़ी कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को नशेड़ियों का नशा देकर ही सुधारने की सलाह दी जा रही है। अगर सरकार ने इस सुझाव पर क़दम उठाए तो कहीं न कहीं सरकार विपक्ष के निशाने पर आ सकती है।
'सरकार को होगा करोड़ों का फ़ायदा'
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से अगली कैबिनेट में इस बाबत प्रस्ताव लाकर इसे पास करने की रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह गिल ने मांग की है। उनका कहना है कि सरकार के तरफ़ से दी जा रही दवाई से कोई खास फ़ायदा नहीं हो रहा है। वहीं सरकार को इससे करोड़ों रुपए का आर्थिक बोझ जरूर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव पास करने से सरकार का आर्थिक बोझ घटेगा साथ ही क्राइम पर भी नकेल कसी जाए सकेगी। वहीं दूसरे राज्यों से हो रही तस्करी पर भी लगाम लगाया जा सकेगा। इकबाल सिंह गिल ने कहा कि लुधियाना शहर में एचआईवी सेंटरों से सिरिंज लेकर जाने वाले 95 फीसदी नशेड़ी दिन में तीन बार नशे की डोज लेते हैं। कुछ नशेड़ी ऐसे भी हैं जो इससे ज्यादा डोज भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि ये नशेड़ी दिन भर में कम से कम 9 ग्राम चिट्टे का सेवन करते हैं।
करोड़ों की हेरोइन की सप्लाई
पूर्व आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह गिल ने कहा कि लुधियाना में हर महीने 40 किलो ग्राम से ज़्यादा चिट्टे का सेवन सरकारी रिकॉर्ड के रजिस्टर्ड नशेड़ी कर रहे हैं। इस हिसाब से हर रोज़ सवा किलो के करीब हेरोइन बिक रही है। पंजाब में 100 और लुधियाना में 43 नशा तस्करों की लोकेशन पर पुलिस कोई रेड नहीं करती। जबकि सोसायटी की तरफ से इन्हें हॉटस्पॉट बनाया गया है। लुधियाना में इन इलाकों में सलेम टाबरी, पीरूबंदा, दानामंडी, टिब्बा रोड, जालंधर बाइपास, भट्यिां, गिलगांव, धांधरा रोड, घोड़ा कालोनी, मुंडियां समेत अन्य इलाके शामिल हैं। लोकल पुलिस हो या एसटीएफ, बड़े तस्करों को पकड़ने में लगे हैं, लेकिन छोटे स्तर पर रोज पंजाब में करोड़ों की हेरोइन की सप्लाई हो रही है। इन सभी मुद्दो पर पंजाब सरकार को ध्यान देना चाहिए। इकबाल सिंह गिल ने जो आंकड़े दिए उस पर सरकार को काम करना चाहिए लेकिन जिस तरह से उन्होंने ने नशेड़ियों को भुक्की और अफ़ीम की देने की सलाह दी है इससे कहीं न कही पंजाब में नशा और बढेगा लगाम नहीं लग पाएगा।
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