पंजाब: CM चन्नी के भाई डॉ. मनोहर ने बतौर आज़ाद उम्मीदवार भरा पर्चा, कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें
पंजाब विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से कई उम्मीदवारों ने आज़ाद ही चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
चंडीगढ़
28
जनवरी
2022।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
में
टिकट
कटने
से
कई
उम्मीदवारों
ने
आज़ाद
ही
चुनाव
लड़ने
का
मन
बना
लिया
है।
इसी
कड़ी
में
कांग्रेस
से
टिकट
कटने
के
बाद
चरणजीत
सिंह
चन्नी
के
भाई
डॉ.
मनोहर
सिंह
ने
कांग्रेस
से
बग़ावत
कर
लिया
है।
इसी
के
साथ
उन्होंने
बस्सी
पठाना
से
निर्दलीय
उम्मीदवार
के
तौर
पर्चा
दाखिल
कर
दिया
है।
डॉ.
मनोहर
सिंह
खरड़
सिविल
अस्पताल
में
बतौर
सीएमओ
काम
कर
रहे
थे।
चूंकि
सरकारी
पद
पर
तैनात
व्यक्ति
चुनाव
नहीं
लड़
सकता
इसलिए
उन्होंने
अपने
पद
से
इस्तीफ़ा
दे
दिया
था
।
इस्तीफ़ा
देने
के
बाद
से
वह
फतेहगढ़
साहिब
के
बस्सी
पठानां
विधानसभा
क्षेत्र
में
एक्टिव
हो
गए।
यह
विधानसभा
क्षेत्र
एससी
वर्ग
के
लिए
रिजर्व
है।
इसलिए
डॉ.
मनोहर
सिंह
ने
इस
विधानसभा
क्षेत्र
को
चुनते
हुए
जनसंपर्क
करना
शुरू
कर
दिया
था।
वहीं
डॉ.
मनोहर
ने
यह
भी
साफ़
कर
दिया
है
कि
वह
बस्सी
पठाना
से
निर्दलीय
चुनाव
लड़
रह
हैं।
उन्होंने
सुनिश्चित
किया
कि
उनके
पोस्टर
में
भाई
के
नाम
का
कोई
उल्लेख
नहीं
है,
लेकिन
कुछ
लोगों
ने
उनके
साथ
भाई
(चन्नी)
के
नाम
का
इस्तेमाल
कर
बैनर
बनाए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
मेरे
और
मेरे
भाई
में
कोई
मतभेद
नहीं
है।
मैं
खुद
के
बाल
पर
चुनाव
लड़ूंगा
कहीं
भी
भाई
के
नाम
का
इस्तेमाल
नहीं
करूंगा।
आजाद उम्मीदवार के तौर पर भरा पर्चा
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डॉ. मनोहर ने विधानसभा चुनाव लड़ने के मद्देनज़र एक महीना पहले से ही बस्सी पठानां में अपना दफ़्तर भी खोल दिया। बस्सी पठानां से कांग्रेस के विधायक होने के बावजूद मुख्यंमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डॉ मनोहर सिंह यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। कांग्रेस विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी लगातार दूसरी बार टिकट के दावेदार माने जा रहे थे। इसलिए कांग्रेस ने डॉ. मनोहर को बस्सी पठाना से टिकट नहीं दिया और गुप्रीत सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
लॉ ग्रेजुएट भी हैं डॉ. मनोहर
सीएम चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह ने पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान ही बस्सी पठाना में गतिविधियां शुरू कर दी थी। नंदपुर कलौर के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में तैनाती के वक्त वह लोगों के बीच खूब चर्चा में रहे थे। इसी वजह से वहां के मौजूदा कांग्रेसी विधायक गुरप्रीत जीपी ने उनका तबादला करवा दिया था। डॉ. मनोहर एनेस्थिसिया में पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ जर्नलिज्म में एम ए और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से लॉ ग्रेजुएट भी हैं। वह अपनी योग्यता और समाजिक कार्यों को आधार बनाते हुए खुद को बस्सी पठाना से कांग्रेस उम्मीदवार बनान चाह रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
बस्सी पठाना में कांटे की टक्कर
बस्सी पठाना से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को चुनावी रण में उतारा गया है। यही वजह है कि सीएम चन्नी के भाई ने बग़ावती सुर तेज़ करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी रण में उतर चुके हैं। डॉ. मनोहर सिंह के आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर बस्सी पठाना से पर्चा भरने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सियासी जानकारों की मानें तो डॉ. मनोहर के बस्सी पठाना से चुनाव लड़ने से कांग्रेस के वोट बैंक पर असर पड़ेगा और दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों को इसका फ़यादा मिलेगा। कांग्रेस को चाहिए था कि डॉ, मनोहर को मनाने की कोशिश करनी चाहिए थी। हालांकि खबर यह आ रही थी कि कांग्रेस ने डॉ. मनोहर को मनाने की पुरज़ोर कोशिश की थी लेकिन वह बस्सी पठाना से चुनाव लड़ने की बात पर अड़े रहे। आज उन्होंने बतौर आज़ाद उम्मीदवार पर्चा भी दाखिल कर दिया।
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