विधानसभा चुनाव: 'कांग्रेस मुक्त' पंजाब की रणनीति अपना रही भारतीय जनता पार्टी, जानिए क्या है प्लान ?
पंजाब में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है। सभी सियासी दलों की यही कोशिश है कि किसी भी तरह पंजाब की सत्ता पर क़ाबिज़ हो जाए।
चंडीगढ़,
17
जनवरी
2022।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
के
मद्देनज़र
सभी
राजनीतिक
पार्टियां
चुनावी
तैयारियों
में
जुटी
हुई
है।
सभी
सियासी
दलों
की
यही
कोशिश
है
कि
किसी
भी
तरह
पंजाब
की
सत्ता
पर
क़ाबिज़
हो
जाए।
इस
बाबत
राजनीतिक
पार्टियां
अपनी
सियासी
ज़मीन
मज़बूत
करने
में
जुटी
हई
है
ताकि
चुनाव
में
बूथ
लेवल
तक
इसका
सियासी
माइलेज
लिया
जा
सके।
वहीं
भारतीय
जनता
पार्टी
संगठनात्मक
तौर
पर
पंजाब
में
कांग्रेस
को
कमज़ोर
करने
की
रणनीति
तैयार
कर
रही
है।
इसी
कड़ी
में
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
कांग्रेस
को
विधानसभा
चुनाव
से
ठीक
पहले
सियासी
झटका
दिया
है।
अमृतसर
(ग्रामीण)
से
तीन
बार
डीसीसी
के
अध्यक्ष
रहे
भगवंत
पाल
सिंह
सच्चर
समेत
पांच
कांग्रेस
के
वरिष्ठ
नेताओं
ने
पार्टी
को
अलविदा
कह
भाजपा
का
दामन
थाम
लिया।
पंजाब में कांग्रेस विरोधी लहर- चुग
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने कांग्रेस से भाजपा में आए सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस विरोधी लहर शुरू हो चुकी है, भाजपा के पक्ष में नई लहर चल रही है। विधानसभा चुनाव के बाद पंजाब की जनता 'कांग्रेस मुक्त' पंजाब देखेगी। आपको बता दें कि रविवार को भगवंत पाल अमृतसर (ग्रामीण) डीसीसी के तीन बार अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ वह प्रमुख खालसा दीवान के कार्यकारी सदस्य भी हैं। रविवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने वालों में अमृतसर जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह भुल्लर और रतन सिंह सोहल (अटारी) पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव के साथ-साथ तजिंदर पाल सिंह और परमजीत सिंह रंधावा का नाम शामिल हैं।
'चुनाव में हो जाएगा कांग्रेस का सफ़ाया'
भाजपा नेता तरुण चुग ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा, क्योंकि पंजाब की जनता में बडे पैमाने पर कांग्रेस के ख़िलाफ़ नाराज़गी है। इसलिए कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं, आने वाले दिनों में कई और कांग्रेस के नेता भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने पहली सूची में जिन उम्मीदवारों का टिकट काटा है, भाजपा उनसे संपर्क में है। भाजपा नेता लगातार इस कोशिश में हैं कि उन्हें अपने साथ लेकर कांग्रेस के खिलाफ़ चुनावी रण में उतार दें। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी वैसे जिला और हलका लेवल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी साधने की क़वायद तेज़ कर रही है जिनके प्रत्याशियों को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला है।
दिग्गज नेताओं BJP में शामिल कराने की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी यह रणनीति तैयार कर रही है कि कांग्रेस के बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं को तोड़कर पार्टी में शामिल कर ले। क्योंकि कांग्रेस के कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने ज़मीनी स्तर पर बूथ लेवल तक कांग्रेस की पकड़ मज़बूत की है। वह प्रत्याशी शुरू से ही कांग्रेस की पहुंच घर-घर तक पहुंचा रहे थे ताकि जब उन्हें टिकट मिले तो वह चुनाव प्रचार आसानी से कर सकें। लेकिन कांग्रेस ने कई ऐसे नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और नए लोगों को टिकट दे दिया है। कांग्रेस ने जिन प्रत्याशियों का टिकट काटा है उनमें से कई ऐसे प्रत्याशी हैं जिनकी बूथ लेवल पर पकड़ काफ़ी मज़बूत है। भाजपा की यह रणनीति है कि कांग्रेस द्वारा जिन उम्मीदवारों के टिकट काटे गए हैं उन्हें पार्टी में शामिल कर कांग्रेस को बूथ लेवल पर कमज़ोर कर दिया जाए। भारतीय जनता पार्टी अगर कांग्रेस बाग़ी नेताओं को साथ लाने में कामयाब हो जाती है तो आगमी चुनाव में कांग्रेस के लिए मुश्किले खड़ी हो सकती हैं।
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