बिहार के इस गांव में ना बिजली है ना ही सड़क, लालटेन ही है सहारा
भोजपुर। आजादी के 68 साल बीत जाने के बाद भी बिहार के इस गांव में ना तो आज तक पक्की सड़क बनी और ना ही बिजली पहुंची। नतीजा यह है कि आज भी लोग पुराने जमाने की तरह लालटेन की रोशनी का सहारा लेकर रात के अंधेरों में अपना काम चलाते हैं। तो गांव की सड़कों का हाल देख कर ऐसा लगता है कि आज तक इस गांव में विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है। आइए जानते हैं इस गांव के बारे में कि कैसे कटती है यहां के लोगों की जिंदगी।
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आपको बताते चलें कि आजादी के बाद से राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ किया गया था। लेकिन आजादी से लेकर आज तक 68 साल बीत जाने के बाद भी बिहार के भोजपुर जिला के जगदीशपुर प्रखंड के तीयर इलाके मे बसे लगभग 4 से 5 गांव ऐसे हैं जिन्हें आज तक किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नसीब नहीं हुआ है। सरकारी सुविधा लोगों को किस तरह से मिलती है इस बात से अनजान ये गांव बासी आज भी सड़क और बिजली के बिना लालटेन जलाकर अंधेरे को दूर करते हैं।
इस गांव में ना बिजली है ना ही सड़क, लालटेन ही है सहारा
सरकार के द्वारा किए जा रहे वादे और चकाचौंध दुनिया की सच्चाई से बेखबर लोग आज भी एक ऐसे समाज सेवी नेताओं की तलाश कर रहे हैं जो इनके गांव में पक्की सड़क और बिजली पहुंचा दें। बिजली और सड़कों की सुविधा का इंतजार कर रहे शिवपुर पंचायत के 5 गांवों में से एक देवराढ के ग्रामीणो का कहना है कि हमारे गांव से होकर ही दूसरे गांव में बिजली सप्लाई की जाती है। पर कई बार जिला के अधिकारियों को आवेदन देने के बाद भी आजतक हमारे गांव में बिजली की सुविधा नहीं दी गई है।
बिजली की सुविधा नहीं होने की वजह से हम लोगों का गांव अनिवार्य गांवों की अपेक्षा काफी पिछड़ा हुआ है। तो इन मूलभूत सुविधाओं का अभाव झेल रहे कुछ गांव वासियों का कहना है कि इसमें सरकार और उनके पूरे सिस्टम कि लापरवाही है। साथ ही इनका कहना है कि ग्रामीण राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के द्वारा पिछले कई वर्षों से हमलोगों को बार बार यही कहा जाता है कि आप लोगों की समस्या का समाधान जल्द कर दिया जाएगा। पर आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जहां इन सभी सुविधाओं से अनजान गांववासी इस पूरे मामले पर सरकार और उनके अधिकारियों को कोसते नजर आ रहे थे। तो गांव के बच्चों का कहना था कि गांव में कच्ची और जर्जर सड़क होने के कारण बरसात के दिनों में या गांव पूरा नरक बन जाता है।