वह दस कारण जो दिलवा सकते हैं मांझी को कामयाबी
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोते वक्त सपने में भी जीतन राम मांझी का चेहरा सामने आता होगा। मांझी ने अपने गुरु की नाक में दम कर दिया है।
बिहार का मुख्यमंत्री बनाने से लेकर हटने के बाद से मांझी महादलित कार्ड खेल रहे हैं। बिहार की सियासत को जानने वाले जानते हैं कि वहां जाति का अपना मतलब है सियासत करने के लिहाज से। क्या अगले बिहार विधानसभा चुनाव में उनका जाति का कार्ड चलेगा? एक बात तय है कि मांझी की अनदेखी नहीं की जा सकती। मांझी के लिए ये फैक्टर अहम होंगे-
- लालू यादव तथा नीतीश कुमार के खिलाफ लड़ने वाली ताकतें मांझी के साथ मिलकर अगला विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
- मांझी बिहार के सबसे बड़े दलित नेता के रूप में उभरे हैं। दलित और महादलित उनके साथ जा सकते हैं। इसलिए ही राम विलास पासवान सरीखा दलित नेता परेशान है।
- मांझी के साथ राजपूत और ब्राहमण जा सकते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने इन जातियों के आरक्षण का प्रस्ताव रखा था। इसके चलते उन्हें अन्य अगड़ी जातियों का साथ भी मिल सकता है।
- बिहार में मुसलमानों के बीच में भी दलितों की खासी आबादी है। वे भी मांझी का साथ दे सकते हैं।
- मांझी के आजकल सलाहकार जगन्नाथ मिश्र बने हुए हैं। वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्हें ब्राहमणों का भी असरदार नेता माना जाता है। इसके चलते मांझी को ब्राहमणों का साथ तो मिल ही सकता है।
- बिहार के राजपूत खफा है नरेन्द्र मोदी से क्योंकि उन्होंने अपनी कैबिनेट में सिर्फ राधे मोहन सिंह और राजीव प्रताप रूढ़ि को ही लिया। जाहिर है,ये भी मांझी में सहारा देखते हैं।
- बिहार में भूमिहार नाराज है नीतीश से। उनका कहना है कि नीतीश ने उनके साथ न्याय नहीं किया। इसलिए वे भी मांझी के हो सकते हैं। भूमिहार बिहार की शक्तिशाली जाति है।
- एक दौर में लालू को बिहार में अपनी यादव वोट बैंक पर बहुत भरोसा होता था। पर अब पप्पू यादव सरीखा बड़ा यादव नेता मांझी के साथ है। पप्पू सांसद भी हैं। यानी कि यादव भी मांझी का साथ निभा सकते हैं।
- बिहार की कुर्मी जाति बंटी हुई है। इनमें भी कई धड़े हैं। इसलिए अगले चुनाव में सारे कुर्मी नीतीश कुमार का साथ देंगे,इस बात की कोई गांरटी नहीं है। नीतीश कुर्मी जाति से आते हैं। बिहार में इनकी आबादी दो फीसद है।
- मांझी को नीतीश कुमार और लालू यादव के दलों के असंतुष्ट भी साथ दे सकते हैं।
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English summary
Manjhi may get the support of various castes in Bihar for different reasons. Even Yadavs and Kurmis may not support their leaders like Lalu Yadav and Nitish Kumar for different reasons.
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