VIDEO: बंटवारे के 74 साल बाद करतारपुर में मिले 2 भाई, बहे खुशी के आंसू, देखकर हर कोई भावुक
करतारपुर साहिब। सन् 1947 के भारत-पाक बंटवारे ने बहुतों को अपनों से अलग कर दिया था। कुछ पीढ़ियां तो ये भूल ही गई होंगी कि उनके सगे-संबंधी 2 मुल्कों की सीमा के इस पार थे या उस पार के रहने वाले हैं। भारत-पाक के बीच तैयार हुआ करतारपुर साहिब कॉरिडोर कुछ ऐसे ही बिछड़े लोगों के मिलने का गवाह बना है। इंटरनेट पर एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि दो बुजुर्ग..जिनके सगे-संबंधी उन्हें करतारपुर साहिब कॉरिडोर लेकर पहुंचे थे। जब वे एक-दूजे से मिले तो रुआंसे हो गए। आंखों से आंसू पोंछने लगे।
भारत-पाक बंटवारे के 74 साल बाद मिले भाई
यह वीडियो उन्हीं बुजुर्गों का है। चायनीज एप टिकटॉक पर इस वीडियो का कैप्शन दिया गया है- "1947 के बंटवारे के 74 साल बाद मिले भाई! पंजाब में (पाकिस्तान); (मैं अब मिला हूँ, रोना आ रहा है)।" आप देख सकते हैं कि, बुजुर्गों को करतापुर साहिब में दर्शन कराने के लिए लाया गया था, जहां बिछड़े भाइयों का मिलन हुआ। बताया जा रहा है कि, वाकई में दोनों का 74 साल बाद मिलन हुआ है, इसलिए दोनों आपस में मिलने के बाद रोने लगे।
तेजी से इंटरनेट पर वायरल हुआ वीडियो
ट्विटर पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। एक यूजर गगनदीप सिंह ने लिखा, "ये देखिए...भारत-पाक बंटवारे के दौरान बिछड़े दो भाइयों की मुलाकात करतारपुर साहिब कॉरिडोर में हुई है.. इनमें से एक पाकिस्तान में रहते थे, जबकि दूसरे भारत में और जब दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को देखा तो देखते ही भरी आंखों से गले मिले।"
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यह है उनकी पहचान
बताया जा रहा है कि, उनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है और, उनके इस पुनर्मिलन के पीछे है 74 साल पहले की कहानी। जब 1947 में भारत के विभाजन के एक भाई यहीं रह गया और दूसरा नए बने मुल्क पाकिस्तान में आ गया। उनके नाम मोहम्मद सिक्ककी (Mohammad Siqqique) और उनके बड़े भाई का नाम हबीब (Habib) बताया जा रहा है, वे दोनों बरसों पहले मुल्कों के बंटवारे के साथ अलग हो गए थे।
देखकर लोग हो रहे भावुक
इस वीडियो को देखकर लोग भावुक हो रहे हैं..वहीं खुशी भी हो रही है कि आखिर भाइयों का मिलन हुआ है। एक यूजर ने लिखा कि, पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर पर, ऐसे ही लोगों को मिलाते देखा जा सकता है। दो अस्सी साल के जुड़ंवा जब मिलें तो बड़ी खुशी होती है।'
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जज़्बात नहीं बदल सकते
वीडियो को देखकर, एक यूजर ने लिखा- "ज़मीन के टुकड़े बंट सकते है, जज़्बात नहीं, यह हुक्मरान कहाँ समझेंगे, दिल चाहिए।" दूसरे यूजर ने लिखा- "ये वीडियो वाकई में कमाल का है।"