प्रधानमंत्री बनते ही 'कटोरा' लेकर सऊदी अरब निकले शहबाज, पाकिस्तानी पीएम की 'भीख' की लिस्ट देखिए
इस्लामाबाद, 28 अप्रैल: पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होता जा रहा है। मुद्रास्फीति पहले से ही अनियंत्रित है। इस हफ्ते नई सरकार पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने थोड़ी रहम दिखाई है तो नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का हौसला बढ़ा है। वह भारी-भरकम प्रतिनिधिमंडल लेकर सऊदी अरब निकल गए हैं। सऊदी ने दिसंबर में इमरान सरकार पर भी तरस खाकर नरम शर्तों पर लोन दिया था। शहबाज शरीफ को उम्मीद है कि वह अभी भी इनकार नहीं करेगा। उनके सामने सऊदी की लीडरशिप के आगे हाथ फैलाने के अलावा विकल्प भी कम बचा हुआ है। इसलिए, 'भीख' के लिए पूरी लिस्ट लेकर निकल पड़े हैं।
पीएम बनते ही सऊदी निकले शहबाज
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ गुरुवार को तीन दिनों के आधिकारिक दौरे पर सऊदी अरब रवाना हो गए हैं। आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि इस दौरान वे सऊदी की टॉप लीडरशिप के साथ अर्थव्यवस्था, व्यापार और निवेश से जुड़े आपसी रिश्तों पर चर्चा करेंगे। 70 वर्षीय शहबाज पिछले 11 अप्रैल को ही इमरान खान की सरकार गिरने के बाद पाकिस्तान के पीएम बने हैं। इस यात्रा के बारे में उन्होंने ट्वीट करके जो बताया है, वह ये है कि 'आज मैं हमारे भाईचारे और दोस्ती के नवीकरण और फिर से पुष्टि के लिए सऊदी अरब की यात्रा पर जा रहा हूं। सऊद नेतृत्व के साथ मेरी व्यापक-मुद्दों पर चर्चा होगी। केएसए हमारे सर्वश्रेष्ठ मित्रों में से एक है और दो पवित्र स्थानों के संरक्षक के रूप में, हमारे सभी के दिलों में इसकी एक खास जगह है।'
2021 के दिसंबर में ही सऊदी ने पाकिस्तान को कर्ज दिया था
पाकिस्तानी पीएम के रूप में शहबाज की यह पहली विदेश यात्रा है, जिसमें उनके साथ उनके कैबिनेट के कुछ सदस्य और एक-उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी गया है। लेकिन, पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक रूप से जो कुछ कहा जा रहा है, उसके पीछे की बातों को भी समझना जरूरी है। 2021 के दिसंबर में पाकिस्तान ने बहुत ही मुश्किल परिस्थियों में सऊदी अरब से 3 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज लिया था। कठिन परिस्थिति ये थी कि पाकिस्तान का सकल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 16 अरब अमेरिकी डॉलर से भी कम रह गया था। पाकिस्तान की माली हालत पर तरस खाते हुए तब सऊदी ने उसे देर से भुगतान करने की छूट देते हुए 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर सालाना तेल सप्लाई करने की भी मंजूरी दे दी थी।
पाकिस्तान को अतिरिक्त 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर की चाहिए 'भीख'
लेकिन, बीते चार-पांच महीनों में पाकिस्तान का खजाना और भी ज्यादा उल्टी सांसे लेने लगा है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस यात्रा के दौरान शहबाज शरीफ सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सामने अतिरिक्त 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर के लिए फिर से झोली फैलाएंगे। क्योंकि, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब और भी नीचे जा चुका है। यानी पाकिस्तान पर सऊदी का जो 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर का मौजूदा कर्ज है, वह नए लोन की मंजूरी के बाद बढ़कर कुल 7.4 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने वाला है।
विदेश मुद्रा भंडार को बचाने की लगाएंगे गुहार
पाकिस्तानी पीएम की नई लिस्ट के बारे में रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से बताया गया है, 'हम सऊदी अरब साम्राज्य से जमा रकम को 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने और सऊदी ऑयल फैसिलिटी को 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर से 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की गुजारिश करने जा रहे है, ताकि पीएम की यात्रा के दौरान कुल पैकेज बढ़कर 7.4 अरब अमेरिकी डॉलर का हो सके।' अखबार ने पाकिस्तान के फाइनेंस डिविजन के बड़े अधिकारी के हवाले से कहा है, 'हम देर से भुगतान की सुविधा के लिए भी अनुरोध कर रहे हैं और विदेशी मुद्रा को सुरक्षित करने के लिए कर्ज को भी बढ़ा रहे हैं।'
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आईएमएफ से राहत मिलने के बाद बढ़ा हौसला
दरअसल, पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से बहुत बडे़ कैश की किल्लत में फंस चुका है और नई सरकार मुद्रास्फीति को कंट्रोल करके इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस हफ्ते की शुरुआत में ही आईएमएफ ने लोन की रकम 6 अरब डॉलर से 8 अरब डॉलर करके बेलआउट पैकेज को एक साल बढ़ाकर इसे बहुत बड़ी राहत दी है।