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चीनी मजदूरों ने पाकिस्‍तान आर्मी के जवानों को बुरी तरह से पीटा, साथी ऑफिसर देखते रहे

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान के दो सैनिकों को चीन के मजदूरों ने बुरी तरह से पीटा है। जिन सैनिकों की पिटाई हुई है वह चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की सुरक्षा में तैनात थे। बताया जा रहा है कि इन सैनिको सख्‍त आदेश दिए गए थे कि उन्‍हें किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी है। चीन के मजदूरों ने पहली बार पाकिस्‍तान के सैनिकों पर हमला किया हो यह पहली बार नहीं है। ये सैनिक इन्‍हीं मजदूरों की सुरक्षा में तैनात थे। हैरानी की बात है कि न तो पाकिस्‍तान की सरकार की तरफ से इस पर कुछ कहा जा रहा है और न ही पाकिस्‍तान की सेना ने इस पर कोई बयान दिया है।

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जवानों के सिर पर आई चोट

जवानों के सिर पर आई चोट

पाकिस्‍तान आर्मी में हवलदार असदउल्‍ला और सिपाही फजल-उर-रहमान को चीनी मजदूरों ने पीटा है। एक चीनी मजदूर जिसका नाम ली युयुन बताया जा रहा है, उसने हवलदार के सिर पर दो बार जोरदार प्रहार किया। वहीं दूसरे मजदूरों ने सिपाही पर हमला बोला। पाक आर्मी की बहावलपुर स्थित स्‍पेशल सिक्‍योरिटी डिविजन की 27वीं विंग के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल इमरान कासिम की तरफ से 341 लाइट कमांडों ब्रिगेड हेडक्‍वार्टर को चिट्ठी लिखी गई। इसमें कहा गया है कि मजदूरों की स्थिति को लेकर पाकिस्‍तानी सैनिकों और चीनी मजदूरों के बीच झगड़ा हुआ है।

अपने ही जवानों को दिया पीछे हटने का आदेश

अपने ही जवानों को दिया पीछे हटने का आदेश

पाकिस्‍तान के सैनिकों की पिटाई हो रही थी लेकिन इसके बाद भी कैंप कमांडेंट मेजर शहजाद की तरफ से अपने जवानों को पीछे हटने के लिए कह दिया गया। सूत्रों की मानें तो इस घटना के बाद पाकिस्‍तान के सैनिकों का मनोबल काफी गिरा हुआ है और उन्‍हें पता है कि लेफ्टिनेंट कर्नल कासिम, चीनी पक्ष से मिले हुए हैं। चीनी मजदूर ली युयुन के अलावा ली ग्‍यूओइंग और बू ली इस हमले में शामिल हैं। पाकिस्‍तान के सैनिक, चीनी मजदूरों और दो सिक्‍योरिटी स्‍टाफ के साथ दो साइट्स टॉवर G-1526 और टॉवर G-1523 पर थे। एक किलोमीटर की दूरी पर ही यह झगड़ा हुआ है। कुछ सैनिक मान रहे हैं कि लेफ्टिनेंट कर्नल कासिम ने चीन के कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स के साथ डील कर ली है। वह पैसे लेकर स्‍थानीय मजदूरों को ज्‍यादा दाम पर भेज रहे हैं।

रेड लाइट एरिया में सेना की गाड़ी लेकर जाते चीनी

रेड लाइट एरिया में सेना की गाड़ी लेकर जाते चीनी

मेजर शहजाद ने इस घटना के बाद चीनी पक्ष से एक सवाल भी नहीं किया और उन्‍हें घटना की जानकारी किसी तीसरे पक्ष से मिली है। ऐसी खबरें भी हैं कि पाकिस्‍तान आर्मी के ऑफिसर्स जान-बूझकर इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं। जून 2019 में भी ऐसी ही घटना हुई थी जब लाइट कमांडों ब्रिगेड की तरफ से दो बार चीनी पक्ष की तरफ से सेना के व्‍हीकल्‍स के प्रयोग की बात कही गई थी। उस शिकायत में कहा गया था कि चीनी वर्कर्स सेना के वाहनों को रेड लाइट एरियाज में लेकर जाते हैं।

चीन से घूस ले रहे पाक ऑफिसर

चीन से घूस ले रहे पाक ऑफिसर

चीन की तरफ से पाकिस्‍तान के पावर सेक्‍टर में जमकर निवेश किया जा रहा है। इस्लामाबाद में इस समय एक नया एयरपोर्ट तैयार हो रहा है जिसमें चीन शामिल है। बताया जा रहा है कि निर्मित होने से पहले ही एयरपोर्ट की बिल्डिंग के कुछ हिस्‍से गिर गए हैं। जब इस घटना की जांच हुईं तो पता लगा कि चीन की तरफ से पाक आर्मी के कई ऑफिसर्स को घूस दी गई थी। साथ ही पाकिस्‍तान एयरफोर्स के भी अधिकारियों को भी रिश्‍वत दी गई थी।

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English summary
Chinese labourers beat up two Pakistan Army soldiers who were protecting them.
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