पाकिस्तान और चीन ने की कश्मीर पर चर्चा, चीनी विदेश मंत्री ने खाई मदद की कसम
इस्लामाबाद। चीन के विदेश मंत्री वांग वाई ने इस बात का प्रण लिया है कि वह उनका देश हमेशा पाकिस्तान की मदद करता रहेगा। वांग वाई ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान दोनों 'ऑल वेदर' साझीदार हैं। चीन ने इसके साथ ही कश्मीर मसले पर पाक को अपना समर्थन दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। पाक और भारत के बीच पांच अगस्त से ही तनाव की स्थिति है। चीन के विदेश मंत्री वांग वाई ने सोमवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की है।
हमेशा पाकिस्तान के साथ रहेगा चीन
चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की ओर से बताया गया है कि इस्लामाबाद में आर्मी चीफ के साथ द्विपक्षीय संबंधों के अलावा क्षेत्रीय और आपसी हितों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। चीन के विदेश मंत्री ने कहा, 'क्षेत्र की स्थितियां कैसे बदलती हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, चीन हमेशा पाकिस्तान की तरफ रहेगा और संप्रभुता, सम्मान और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा में उसकी मदद करता रहेगा।' चीनी विदेश मंत्री चार दिनों की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे हैं। इससे पहले उन्होंने नेपाल का दौरा किया था। वांग ने कहा कि पाकिस्तान, चीन का एक रणनीतिक साझीदार है और उसके साथ संबंध किसी चट्टान की तरह मजबूत हैं। चीनी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत और पाक के बीच नए सिरे से तनाव बरकरार है। पाकिस्तान के अनुरोध पर ही चीन ने पिछले माह यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी एसेंबली (यूएनएससी) में बंद कमरे में जम्मू कश्मीर मसले पर चर्चा की थी। हालांकि इस मीटिंग में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी।
भारत ने पिछले दिनों दिया कड़ा संदेश
पिछले दिनों चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी की ओर चीन को जम्मू कश्मीर मसले पर कड़ा यह संदेश दिया गया था। परेशान चीन को मिसरी ने साफ संदेश दे दिया था कि चिंताएं गैर-वाजिब हैं क्योंकि कश्मीर भारत का वह आतंरिक मसला है, जिससे चीन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विक्रम मिसरी की ओर से चीन को बताया गया है, भारत और चीन के रिश्ते शिकायतों के बाद भी आगे बढ़ रहे हैं। हम बहुत ही सम्मान के साथ यह बताना चाहेंगे कि चीन की जो भी चिंताएं इससे जुड़ी हैं, वे गलत हैं।मिसरी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं। मिसरी के शब्दों में, 'हमें नहीं लगता कि राज्य को मान्यता देने या फिर भारत के संविधान के कुछ हिस्सों में बदलाव करने से चीन पर कोई असर पड़ेगा।' उन्होंने आगे कहा, 'हम इस बात को समझते हैं लेकिन यह पूरी तरह से हमारा आतंरिक मामला है।'