अफगानिस्तान पर बदले पाकिस्तान ने अपने सुर, कहा भारत का काबुल में कोई रोल नहीं है और न होगा
इस्लामाबाद। अफगानिस्तान पर पाकिस्तान ने अपने सुर फिर से बदल लिए हैं और कहा है कि अफगानिस्तान में भारत का कोई भी रोल नहीं होगा। गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के ही बयान को मानने से इनकार कर दिया गया है। अफगानिस्तान में पिछले 17 वर्षों से जारी युद्ध को खत्म करने के लिए पाकिस्तान आम सहमति चाहता है लेकिन उसे भारत से आपत्ति है। आपको बता दें कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात का ऐलान किया है कि अफगान की धरती पर तैनात 7,000 सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी का बयान आया था और इसमें उन्होंने भारत की भूमिका को लेकर अहम बात कही थी।
विदेश मंत्री का बयान खारिज
पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉक्टर शाह मोहम्मद फैसल से पूछा गया था, 'क्या अफगानिस्तान में जारी शांति कोशिशों में भारत का भी कोई रोल है?' इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'अफगानिस्तान में भारत का कोई रोल नहीं है।' डॉक्टर फैसल गुरुवार को रूटीन मीडिया ब्रीफिंग में थे और यहीं पर उन्होंने यह बयान दिया। यह काफी दिलचस्प है कि फैसल का बयान कुरैशी के उस बयान से पूरी तरह से अलग है जो उन्होंने नेशनल एसेंबली में दिया था। कुरैशी ने कहा था कि अफगानिस्तान में जारी युद्ध को खत्म करने के लिए भारत के सहयोग की जरूरत है। कुरैशी ने उस समय कहा था कि अफगानिस्तान में शांति लाना एक साझा प्रयास के तहत होना चाहिए। इसलिए अकेले पाकिस्तान इस काम को पूरा नहीं कर सकता है।
पाकिस्तान रहा भारत की मौजूदगी का विरोधी
कुरैशी ने नेशनल एसेंबली में कहा था कि 'क्योंकि भारत, अफगानिस्तान में मौजूद है इसलिए इस मामले में उसका सहयोग भी जरूरी है।' कुरैशी के बयान को अफगानिस्तान में भारत के रोल पर पाक के रवैये में आने वाले बदलाव के तौर पर देखा गया था। विदेश मंत्री का बयान इसलिए भी और ज्यादा अहम था क्योंकि पाक हमेशा से काबुल में भारत की मौजूदगी का विरोध करता आया है। अब पाक विदेश विभाग की ओर से आया यह बयान इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि भारत के रोल को लेकर अभी तक इस्लामाबाद के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। वहीं अमेरिका, हर बार यही बात कहता आया है कि वह अफगानिस्तान में भारत को एक बड़ा रोल अदा करते हुए देखना चाहता है। पाकिस्तान को लगता है कि अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी उसके लिए नकारात्मक पहलू साबित होगी। पाक मानता है कि अफगानिस्तान में भारत की इंटेलीजेंस एजेंसियां सक्रिय हैं।
अमेरिकी सेनाओं की रवानगी मतलब भारत पर असर
पाक के विदेश मंत्री कुरैशी हाल ही में चार देशों का दौरा करके लौटे हैं जिसमें भारत का करीबी दोस्त रूस का दौरा भी शामिल है। कुरैशी आम राय बनाने के मकसद से अफगानिस्तान, ईरान, चीन और रूस के दौरे से लौटे हैं। उनका मानना है कि अगर आम सहमति से अफगान की स्थिति पर कोई फैसला लिया जाएगा तो वह एक दीर्घकालिक समाधान साबित होगा। कई विशेषज्ञों की ओर से इस बात की आशंका जताई जा चुकी है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का सीधा असर भारत और खासतौर पर जम्मू कश्मीर के हालातों पर पड़ेगा।