इमारतों की भूकंपीय स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई योजना
भूकंप के लिहाज से भारत को चार जोन में बांटा गया है, जिसमें से दिल्ली जोन चार में आती है जो की भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील है।
नई दिल्ली। भूकंप के लिहाज से भारत को चार जोन में बांटा गया है, जिसमें से दिल्ली जोन चार में आती है जो की भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इमारतों की भूकंपीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। इस कार्य योजना के तहत क्रमवार सरकारी और निजी इमारतों का संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को इस बारे में जानकारी दी है। इस कार्य योजना के तहत मुंबई नगर निगम की तरह 30 वर्ष से पुराने भवनों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को दिए अपने जवाब में कहा कि वार्षिक प्री-मानसून सर्वेक्षण के दौरान आवास के लिए असुरक्षित पाए गए अस्पतालों, संस्थागत भवनों, स्कूलों और कॉलेजों सहित अन्य इमारतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और इस पर कार्रवाई की जाएगी।
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दिल्ली सरकार के शहरी विभाग के उपनिदेशक विनोद कुमार ने कोर्ट में दिए जवाब में कहा कि इस मुद्दे पर 19 जून 2020 से 18 फरवरी 2021 के बीच मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कई मीटिंग में तय किया गया कि सार्वजनिक उपयोग के साथ उच्च जोखिम में आने वाले निजी भवनों के संरचनात्मक सुरक्षा लेखा परीक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें सभी निजी अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, सिनेमा हॉल, स्कूल और कॉलेज शामिल हैं।
दिल्ली सरकार ने तीनों एमसीडी व एनडीएमसी के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि निजी भवन मालिकों से कहा जाएगा कि वे संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट खुद करवाएं और संबंधित स्थानीय निकाय को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यदि भवन में संरचनात्मक मूल्यांकन रिपोर्ट में कमी पाई जाती है, तो मालिक को लागू मानक दिशा-निर्देशों के अनुसार इमारतों के भूकंपीय प्रतिरोध को अपग्रेड करने का निर्देश दिया जाएगा।
वहीं दूसरे चरण में कम जोखिम मैट्रिक्स के तहत आने वाली इमारतों और अनधिकृत-नियमित गांव आबादी इत्यादी कॉलोनियों के अधिकार क्षेत्र में आने वालों को लिया जाएगा और कार्यप्रणाली वही होगी।
गौरतलब है कि एक याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में इमारतों की भूकंपीय स्थिरता खराब है और बड़े भूकंप की स्थिति में बड़ी संक्या में लोग हताहत हो सकते हैं, जिसपर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 अप्रैल तय की है।