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जानसठ के सीएचसी हॉस्पिटल में युवक के शव को कुत्तों ने खाया, मोर्चरी के दरवाज़े में नहीं थी कुण्डी

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प्रदेश की योगी सरकार भले ही स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़ी बड़ी बातें करती है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। हादसे में मृत दिल्ली के युवक का शव जानसठ सीएचसी पर रखा गया था। वहीं रात में शव के चेहरे को जानवरों ने नोंच दिया। सुबह परिजन पहुंचे तो उन्होंने हंगामा कर दिया। अब मामले की जांच कराई जा रही है।

कुत्ते खा गए बॉडी

कुत्ते खा गए बॉडी

दरअसल पूरा मामला मुजफ्फरनगर के जानसठ सीएचसी का है। गुरुवार की रात में मीरापुर बीआईटी के पास हादसे में चार युवक घायल होकर जानसठ सीएचसी में आए थे। उपचार के दौरान डॉक्टरों ने लोकेश (23) पुत्र कन्हैया लाल निवासी द्वारकापुरी दिल्ली को मृत घोषित कर दिया। हादसे में मृत दिल्ली के युवक का शव जानसठ सीएचसी पर रखा गया। जिसके बाद परिजन थाने में चले गए। सुबह जब परिजन वापस लौटे तो देखा की जहाँ शव रखा है, उस कमरे का दरवाज़ा खुला है। जब परिजनों ने अंदर जाकर देखा तो उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ, कुत्ते युवक के शव को नोच नोच कर खा रहे थे। यह सब देखकर परिजन आग बबूला हो उठे और हंगामा कर दिया। सोच्चणा मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और अब मामले की जांच की जा रही है।
मृत युवक के एक परिजन का कहना है कि "जिस कमरे में बॉडी राखी थी, उसके दरवाज़े में कुंडी ही नहीं है। दरवाज़ा परमानेंट खुला रहता है। कुत्ते जब चाहे अंदर आते हैं जाते हैं। हमने अपनी आँखों से देखा की कैसे आवारा कुत्ते शव को नोच नोच कर खा रहे थे।"

इस हादसे में हुई थी मौत

इस हादसे में हुई थी मौत

द्वारका दिल्ली निवासी आशीष, विकास, लोकेश, राहुल व तरुण अपनी कार में सवार होकर बिजनौर की ओर जा रहे थे, जैसे ही इनकी कार पानीपत खटीमा राजमार्ग पर मीरापुर थाने की बीआइटी पुलिस चौकी के निकट पहुंची तभी अचानक से इनकी कार अनियंत्रित हो गई तथा सामने से आ रही डीसीएम व दूसरी कार से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार सवार युवक घायल हो गए और कार में बुरी तरह फस गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार की खिड़की को काटकर घायलों को बमुश्किल बाहर निकाला तथा एंबुलेंस की मदद से घायलों को जानसठ अस्पताल भिजवा दिया था। यहां पर चिकित्सकों ने लोकेश पुत्र कन्हैयालाल को मृत घोषित कर दिया था। घायलों को मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

कौन है जिम्मेदार ?

कौन है जिम्मेदार ?

आज के 21 वीं सदी के दौर में जब चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ हैं. जहाँ समस्त बीमारियों का सुलभ ईलाज प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपलब्ध करवाया जाता हैं. एंटीबायोटिक टेबलेट, इंजेक्शन से लेकर भयावह रोगों की सर्जरी तक के ईलाज अब सम्भव हो चुके हैं। वहीं मुज़फ्फरनगर के इस सीएचसी हॉस्पिटल में ऐसी लापरवाही किसी अपराध से कम नहीं है।
एक अस्पताल के भली भांति संचालन में वहां के डोक्टर, नर्स, कम्पाउडर, सफाई कर्मियों का बड़ा योगदान होता हैं। इनका प्रयास रहता हैं कि चिकित्सालय का वातावरण अधिक सुखमय बनाने के निरंतर प्रयास किये जाए ताकि मरीजो को चिकित्सा के साथ ही साथ मानसिक संतुष्टि की अनुभूति करवा सके। लेकिन यहाँ मानसिक संतुष्टि तो दूर की बात उल्टा पहले से किसी अपने की मौत के गम में डूबे परिजनों को ऐसा नजारा देखना पड़ा। यह एक गंभीर अपराध है और इसपर जान होनी चाहिए।

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English summary
Dogs ate the dead body of a young man in CHC Hospital
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