मथुरा: ठाकुरजी पर चढ़ने वाला दूध अब नहीं बहेगा नालियों में, इन लोगों के लिए आएगा काम
Mathura news, मथुरा। गोवर्धन के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा ठाकुरजी पर चढ़ाए जाने वाले दूध के सही इस्तेमाल के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की ओर से नई व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत मंदिरों में चढ़ने वाला दूध अब नालियों में बहकर सड़ने के बजाय अनाथालयों, विधवा आश्रम जैसे आश्रय सदनों में उपयोग में लाया जा सकेगा। इसके लिए मंदिरों में पात्रता की श्रेणी के हिसाब से काउंटर लगवाए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला
गोवर्धन में खाद्य विभाग के अधिकारी वीके राठी ने बताया कि गोवर्धन स्थित मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ठाकुरजी का दूध से अभिषेक करते हैं और यह दूध नालियों में जाकर सड़ता है, जिससे प्रदूषण और बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि दूध को स्टोर करने के लिए हालांकि एसटीपी प्लांट लगवाए गए हैं, लेकिन अब इस दूध का जरुरतमंद लोगों के लिए उपयोग हो सके इसके लिए कार्य योजना तैयार की गई है।

अनाथ बच्चों, विधवा आश्रमों, कुष्ठ आश्रमों में बांटा जाएगा दूध
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में सभी का सहयोग लेकर यह व्यवस्था तय की गई है कि जो श्रद्धालु दुग्घ अभिषेक करना चाहते हैं वे ठाकुरजी का सांकेतिक अभिषेक करें और शेष मात्रा अपनी स्वेच्छा से मंदिरों पर बनाए जा रहे काउंटरों पर जमा करा दें। इसके साथ ही जो श्रद्धालु संकल्प में दूध की जगह यदि धनराशि दान करना चाहें तो पात्रता के हिसाब से वह दान भी कर सकते हैं। इस धनराशि का इस्तेमाल भी उनके भले के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां जमा होने वाला दूध अनाथ बच्चों, विधवा आश्रमों, कुष्ठ आश्रम में और शहीदों के परिवारों की सहातार्थ प्रयोग में लाया जाएगा। सोमवार को मानसीगंगा मुखविंद मंदिर से इस पहल की शुरुआत की गई। मंदिर सेवायतों ने भी खाद्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्था को सराहा है।
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