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Video: 7000 पके हुए आमों से सजाया गया मंदिर, बाद में इस नेक काम में हुआ फलों का इस्तेमाल

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मुंबई, 15 मई। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप देश पर इस कदर टूटा है कि श्मशान घाट लाशों से पटे हुए हैं। कोविड मामलों के दैनिक आंकड़े पहली बार दुनिया में सबसे अधिक भारत में दर्ज किए गए हैं, दूसरी लहर में यह आंकड़ा 4 लाख मरीजों के पार पहुंच गया। हालांकि स्थिति में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, नए केस में भी गिरावट देखी जा रही है। इस बीच महामारी काल में कई लोगों ने बढ़चढ़ कर जरूरतमंदों की मदद की।

करोना से फीके पड़े त्योहार

करोना से फीके पड़े त्योहार

गौरतलब है कि पिछले एक साल से कोरोना वायरस के चलते देश में त्योहार और उत्साह फीके पड़े हैं, त्योहारों का देश कहे जाने वाले भारत में जैसे महामारी ने सारी रौनक ही छीन ली हो। हालांकि कभी हार ना मानना और लड़ते रहना भारतीयों के खून में है जिसके चलते कोरोना वायरस महामारी से हमारी जंग आज भी जारी है। कोविड काल में कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने यह साबित किया कि इंसानियत अभी भी जिंदा है।

7 हजार आमों से सजाया गया मंदिर

7 हजार आमों से सजाया गया मंदिर

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक दिल खुश करने वाला वीडियो सामने आया है जो महाराष्ट्र के विट्ठल रुक्मिणी मंदिर का बताया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर के हर दीवार और खंबे पर पके हुए आम और पत्तियां लटक रही हैं। इतना ही नहीं मंदिर के बीचों-बीच फलों से बड़ा सा गुलदस्ता भी तैयार किया गया है। फोटो और वीडियो में देखने पर ये सारे फल नकली प्रतीत होते हैं लेकिन आपको बता दें कि यह सभी फल असली हैं।

पुणे के बिजनेसमैन ने मंदिर में चढ़ाए हजारों फल

पुणे के बिजनेसमैन ने मंदिर में चढ़ाए हजारों फल

दरअसल, बीते दिनों देशभर में अक्षय तृतीया का त्योहार बड़े हर्षोल्लास मनाया गया, इस मौके पर महाराष्ट्र के विट्ठल रुक्मिणी मंदिर को सात हजार पके हुए आमों और अन्य फलों से सजाया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के रहने वाले विनायक काची (बुंदेला) नाम के एक व्यापारी अक्षय तृतीया पर मंदिर को सजाने के लिए इतने सारे आम चढ़ाए। एक बार सजावट पूरी होने के बाद सोशल मीडिया पर मंदिर की तस्वीरें और वीडियो ने तहलका मचा दिया।

क्या किया इतने सारे फलों का ?

क्या किया इतने सारे फलों का ?

बताया जा रहा है कि मंदिर को 7 हजार 'हापुस' आमों से सजाया गया था। मंदिर परिसर के अलावा भगवान विट्ठल और रुक्मिणी की मूर्तियों को भी उसी से सजाया गया। दिलचस्प बात यह है कि पूजा संपन्न होने के बाद फलों को खराब होने से पहले ही कोविड-19 से पीड़ित बीमार रोगियों को दान कर दिया गया। आम के अलावा मंदिर में चढ़ाए गए तरबूज, सेब और कई अन्य फलों को भी गरीब और जरूरतमंद लोगों में बांट दिया गया। मंदिर प्रशासन इस फैसले की सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा हो रही है।

वीडियो देखने के लिए यहां करें क्लिक।

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में धीमी हुई कोरोना की रफ्तार, लेकिन पहली बार राज्य में कोरोना से सर्वाधिक 960 मौतें

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English summary
Vitthal Rukmini temple in Maharashtra decorated with seven thousand ripe mangoes
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