काली पोस्टर विवाद: प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं-अभिव्यक्ति की आजादी हिंदू देवताओं के लिए रिजर्व नहीं हो सकती
मुंबई, 05 जुलाई: डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर विवाद जारी है। अब शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को काली पोस्टर की आलोचना की। शिवसेना सांसद ने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवताओं कामजाक उड़ाने के लिए नहीं है। जबकि बाकी सभी की धार्मिक संवेदनाओं का ख्याल रखा जाए।। बता दें कि, पोस्टर सामने आने के बाद फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की जा रही है। लखनऊ और दिल्ली में उन पर केस भी दर्ज कर लिया गया है।
पोस्टर को लेकर विरोध जताते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता केवल हिंदू देवी-देवताओं के लिए आरक्षित नहीं की जा सकती, जबकि बाकी सभी की धार्मिक संवेदनाओं का ख्याल रखा जाए। मां काली पर फिल्म के पोस्टर से मैं आहत हूं, सम्मान सभी के लिए समान होना चाहिए और दुश्मन को कभी भी जानबूझकर अपमानित करने का साधन नहीं बनना चाहिए।
टोरंटो में रहने वाली फिल्मकार लीना मणिमेकलई ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी लघु फिल्म 'काली' का पोस्टर साझा किया था, जिसमें हिंदू देवी को धूम्रपान करते और हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा थामे हुए दिखाया गया है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद मणिमेकलई पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगने लगे। यही नहीं, सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ 'अरेस्ट लीना मणिमेकलई' (लीना मणिमेकलई को गिरफ्तार करो) हैशटैग ट्रेंड करने लगा।
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वहीं दूसरी ओर आज एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में महुआ मोइत्रा ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर पर कहा था कि, 'काली के कई रूप हैं। मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। लोगों की अलग-अलग राय होती है, मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है। इस बयान का विरोध होते देख टीएमसी ने महुआ मोइत्रा के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा की देवी काली पर की गई टिप्पणी उनके निजी विचार हैं। इसका पार्टी समर्थन नहीं करती है।