मुंबई में सबसे पहले मराठी भाषा में होगा दुकानों का नाम, BMC का आया ऑर्डर
मुंबई, अप्रैल 06। देश की सबसे बड़ी नगरपालिका यानि कि बीएमसी ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया है कि मुंबई में अब सभी दुकानों पर लिखे जाने वाले नाम सबसे पहले मराठी भाषा में होंगे। उसके बाद वो अन्य किसी भाषा में नाम लिख सकते हैं। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि मराठी भाषा में लिखा जाने वाला नाम अन्य भाषाओं की तुलना में बड़ा होना चाहिए।
शराब की दुकानों को लेकर भी आया ऑर्डर
एक अन्य आदेश में बीएमसी की ओर से यह भी कहा गया है कि शराब की दुकानों की नेमप्लेट पर दूरदर्शी पुरुषों और किलों के नाम नहीं लिखे जाने चाहिए। आपको बता दें कि पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसमें दुकानों और प्रतिष्ठानों पर मराठी भाषा में अपना नाम लिखना अनिवार्य कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक सही आदेश था।
क्या कहा था हाईकोर्ट ने?
उस वक्त हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, "मराठी राज्य सरकार की आधिकारिक भाषा हो सकती है, लेकिन यह निर्विवाद रूप से राज्य की आम भाषा और मातृभाषा भी है।" आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मराठी को प्रमुख भाषा बनाने की कोशिश कोई नई बात नहीं है। कुछ समय पहले, महाराष्ट्र विधान सभा और विधान परिषद ने सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया, जिसका उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा गठित नगर निकायों और निगमों सहित स्थानीय अधिकारियों के आधिकारिक कार्यों में मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य करना था।
आपको बता दें कि शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि राज्य सरकार 'आधिकारिक मराठी' के सरलीकरण पर काम कर रही है, क्योंकि कई बार आधिकारिक मराठी समझ से परे होती है। मुख्यमंत्री गुड़ी पाड़वा (महाराष्ट्रियन नव वर्ष) के अवसर पर मराठी भाषा भवन के मुख्य केंद्र के शिलान्यास में बोल रहे थे।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को झटका, महाविकास अघाड़ी गठबंधन से अलग हुई ये पार्टी