हाईकमान से नाराज होने की खबरों पर बोले फडणवीस- 'मैंने ही एकनाथ शिंदे का नाम किया था आगे'
नागपुर, 5 जुलाई: महाराष्ट्र में जब शिंदे गुट ने बगावत की तभी से ये अनुमान लग रहा था कि नई सरकार बनने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी बीजेपी के पास जाएगी। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन बाद में शिंदे की ताजपोशी ने सभी को चौंका दिया। साथ ही फडणवीस ने डिप्टी सीएम का पद ग्रहण किया, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि हाईकमान के इस फैसले से फडणवीस नाराज थे। हालांकि अब खुद उन्होंने इन रिपोर्ट्स को खारिज किया है।
नागपुर में मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि बीजेपी हाईकमान को उन्होंने ही एकनाथ शिंदे का नाम सुझाया था। ऐसे में नाराजगी की कोई बात नहीं। हालांकि फडणवीस ने ये भी स्वीकार किया कि डिप्टी सीएम का पद संभालने के लिए वो मानसिक रूप से तैयार नहीं थे, लेकिन पीएम मोदी, अमित शाह और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से चर्चा के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल लिया। बीजेपी नेतृत्व का मानना था कि किसी बाहरी शख्स का सरकार के काम में दखल देना संविधान के हिसाब से सही नहीं है, ऐसे में उनका सरकार में शामिल होना जरूरी था।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 2019 का चुनाव जीता था, लेकिन जनादेश चोरी हो गया। बाद में शिंदे गुट ने बगावत की। उनकी पार्टी और शिंदे गुट की विचारधारा एक जैसी थी। इस वजह से वो दोनों साथ आए। शिंदे गुट के समर्थन के वक्त ही ये बात तय हो गई थी कि वो सरकार से बाहर रहेंगे, लेकिन बाद में जेपी नड्डा ने फोन कर उन्हें डिप्टी सीएम बनने को कहा। फिर अमित शाह ने भी उनसे बात की। उन्होंने पार्टी के आदेश का पालन करते हुए ये फैसला स्वीकार कर लिया।
मुख्यमंत्री से मंत्री बनने वाले पहले नेता नहीं हैं फडणवीस
'पूर्ण
बहुमत
के
साथ
बनाएंगे
सरकार'
फडणवीस
के
मुताबिक
बीजेपी
को
महाराष्ट्र
में
ढाई
वर्ष
कार्य
करने
की
जो
जिम्मेदारी
मिली
है
उसमें
कर्मयोगी
की
तरह
काम
करना
होगा।
वो
महाराष्ट्र
को
भारत
का
नंबर
वन
राज्य
बनाने
के
लिए
चौबीसों
घंटे
कम
करेंगे।
जब
अगली
बार
चुनाव
होंगे,
तो
वो
पूर्ण
बहुमत
के
साथ
सरकार
भी
बनाएंगे।