Sagar News: सबरीमाला मंदिर की तर्ज पर श्री अय्यप्पा स्वामी मंदिर सागर में मकर विलक्कू पर्व शुरु
मलयाली समाज सागर द्वारा अपने सबसे बड़े पर्व मकर विलक्कू के तहत धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ कर दिए हैं। मकरोनिया स्थित श्री अय्यप्पा मंदिर में पहले दिन 1001 दीपों से आरती की गई। आयोजन कि तहत आगामी महीने में 20, 26 दिसंबर एवं 14 जनवरी को बड़ी पूजा की जाएगी। मलयाली समाज में दीप आराधना का बड़ा महत्व है। मकर संक्रांति पर दीप आराधना के साथ ही पर्व व अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी।
सागर में श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष केजीसी नायर ने बताया कि मकन विलक्कू पर्व को मलयाली समाज बड़े धूमधाम व श्रृद्धा से मनाती है। 14 जनवरी को बड़ी पूजा की जाएगी। भगवान अय्यप्पा स्वामी का मंदिर आगामी 58 दिनों तक दीपों से रोशन रहेगा। रंगोली सजाई जाएंगी। मंदिर में सुबह 5 बजे पल्लियुनरतल और हरिनाम कीर्तन, निरमाल्यम, श्री गणेश पूजन, हवन, उषा पूजा, अभिषेक, हार धारण, भगवत पाठ, दोपहर पूजन, सामूहिक प्रसादी, संध्या पूजन, दीप आराधना सहित अन्य आयोजन होंगे।
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सबरीमाला
मंदिर
में
17
नवंबर
से
प्रारंभ
होती
है
मकर
विलक्कू
की
शुरुआत
मलयाली
समाज
के
श्री
अय्यप्पा
स्वामी
मंदिर
सेवा
संघम
के
अध्यक्ष
केजीसी
नायर
के
अनुसार
केरल
के
प्रसिद्ध
सबरीमाला
मंदिर
में
वार्षिक
मंडलम
मकर
विलक्कू
तीर्थयात्रा
17
नवंबर
से
प्रारंभ
होती
है।
इसके
बाद
यहां
14
जनवरी
तक
मेला
लगता
है।
इस
दौरान
लाखों
श्रृद्धालु
यहां
भगवान
अय्यप्पा
के
दर्शन
और
पूजन
करने
पहुंचते
हैं।
इसी
उपलक्ष्य
में
सागर
में
मदिर
में
यह
पर्व
मनाया
जाता
है
और
रोजाना
आयोजन
किए
जाते
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
20
साल
पहले
साल
2002
में
समाज
के
लोगों
ने
सागर
में
श्री
अय्यप्पा
मंदिर
की
स्थापना
की
थी।