नवादा की एक ट्रेन में मिला शारीरिक रूप से विकलांग लावारिस बच्चा, माँ-पिता की तलाश जारी
भारत में हर साल कई ऐसे मामले सामने आते है जिसमे खुद माँ या पिता द्वारा बच्चे को ट्रेन में, कूड़ेदान में, बसों में या मंदिर में छोड़ दिया जाता हैं। वजह भी हर बार अलग अलग ही होती हैं जैसे कभी गरीबी और बेरोजगारी के चलते ऐसा कदम उठाते हैं तो कभी लड़की पैदा होने की वजह से, लेकिन मध्य प्रदेश के नवादा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जानकारी अनुसार ट्रेन में एक लावारिस बच्चा मिला है जो शारीरिक रूप से विकलांग है। बच्चे के सिर का आकार सामान्य बच्चों की तुलना में काफी अधिक है।
सर का आकार सामान्य बच्चे से ज्यादा है
दरअसल मध्यप्रदेश के नवादा में रामपुरहाट पैसेंजर ट्रेन में यह बच्चा आज बरामद हुआ है। बच्चा शारीरिक रूप से विकलांग है। लोगों ने जब इस बच्चे को देखा तो पहले तो उसके माँ बाप को ढूंढ़ने की काफी कोशिश की लेकिन जब वो नहीं मिले तो बच्चे के ट्रेन में लावारिस होने की सूचना स्थानीय रेल पुलिस को दी गई। जहां बच्चे को नवादा रेलवे स्टेशन पर उतारकर इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया गया। बताया जा रहा है कि बच्चा शारीरिक रूप से विकलांग है और किसी अन्य रोग से भी ग्रसित है। बच्चे के सर का आकार सामान्य बच्चे से ज्यादा है जिसे देखने के लिए आसपास में भीड़ भी जुट रही है। लोग ऐसी आशंका जता रहे हैं कि किसी मां ने अपने बच्चे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उसे मजबूरी में ट्रेन पर छोड़कर चली गई।
लोगों को होना होगा जागरूक
"कचरे
के
डिब्बे
में
मिली
नवजात
बच्ची"
"सड़क
पर
बच्चे
को
लावारिस
की
तरह
छोड़
दिया
गया"
"3
दिन
के
शिशु
को
पुलिस
ने
नाले
से
निकाला"
हम
आए
दिन
ऐसी
दुर्भाग्यपूर्ण
ख़बरें
पढ़ते
और
देखते
हैं।
मीडिया
लगातार
हमें
ग़लत
तरीक़े
से
छोड़े
गए
बच्चों
के
बारे
में
बताता
है,
जिनके
माता-पिता
बच्चा
पालना
नहीं
चाहते
या
पाल
नहीं
सकते।
हमारे
देश
का
क़ानून
माता-पिता
और
अभिभावक
को
यह
हक़
देता
है
कि
अगर
वो
अपना
बच्चा
नहीं
पाल
सकते
या
नहीं
पालना
चाहते,
तो
वे
बच्चे
को
क़ानूनी
रूप
से
किसी
भी
विशेष
अडॉप्शन
एजेन्सी
में
समर्पित
कर
सकते
हैं।
सड़क पर छोड़ने की जगह अडॉप्शन एजेंसियों को दें बच्चा
हमारे
देश
में
अनेकों
अडॉप्शन
एजेंसियाँ
हैं,
पर
लोगों
को
इस
बारे
में
पता
ही
नहीं
है।
अगर
पता
होता
तो
बच्चे
सड़कों
की
बजाए,
क़ानूनी
रूप
से
अडाप्ट
होकर
नए
सुरक्षित
घरों
में
पहुँचते।
बच्चों
को
लावारिस
छोड़ना
उनके
जीवन
और
भविष्य
के
साथ
खिलवाड़
है,
और
ग़ैरक़ानूनी
है।
आप
बच्चे
को
क़ानूनी,
सुरक्षित,
और
गुमनाम
तरीक़े
से
किसी
भी
विशेष
अडॉप्शन
एजेन्सी
में
समर्पित
कर
सकते
हैं।
निकटतम
अडॉप्शन
एजेन्सी
का
पता
जानने
की
लिए
चाइल्ड
हेल्पलाइन
1098
पर
कॉल
करें
या
http://cara.nic.in/Stakeholders/India_map.html
पर
जाकर
अपना
राज्य
चुनें।"
हम
और
आप
मिलकर
लोगों
को
अडॉप्शन
एजेंसियों
के
बारे
में
और
बच्चों
को
सुरक्षित
रुप
से
समर्पित
करने
के
बारे
में
जागरूक
कर
सकते
हैं
ताकि
भविष्य
में
कोई
भी
बच्चा
सड़कों,
कचरे
दानियों,
बसों,
खेतों,
या
स्टशनों
में
नहीं,
बल्कि
अडॉप्शन
एजेंसियों
में
पहुँचना
चाहिए।
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