मप्र सरकार का 955 शिक्षकों से सवाल-3 बच्चे कैसे हो गए? जबाव मिला-'नसबंदी ऑपरेशन फेल हो गया'
विदिशा, 2 अप्रैल। मध्य प्रदेश में इन दिनों शिक्षकों के बच्चों की गिनती हो रही है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से 26 जनवरी 2001 के बाद पैदा हुई तीसरी संतान के बारे में पूछा है कि तीन बच्चे कैसे हो गए?
कई शिक्षकों ने इसका जवाब तक नहीं दिया जबकि कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्होंने तीसरी संतान का ठीकरा स्वास्थ्य महकमे के सिर पर फोड़ दिया और जवाब दे डाला कि तीसरा बच्चा नसबंदी ऑपरेशन फेल होने की वजह से हुआ है।
दरअसल, 26 जनवरी 2001 के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने नियम लागू किया था कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई तो वह नौकरी के लिए अपात्र माने जाएंगे।
मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधायक ने इस नियम पर सवाल उठाया कि तीसरी संतान करने वाले शिक्षकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। इस पर मध्य प्रदेश के विदिशा में जिला शिक्षा अधिकारी अतुल मोदगिल ने जिले में ऐसे 955 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस थमाए हैं। उनसे 15 दिन में जवाब मांगा है। इस नोटिस से शिक्षकों में खलबली मची हुई है।
खबर है कि 955 में से अभी तक 160 शिक्षकों ने ही जवाब दिया है। ज्यादातर शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नौकरी लगी थी, उस समय यह नियम नहीं था। बाद में जब नियम बना तो इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी, जिसके चलते उनके यहां तीसरी संतान हुई है।
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वहीं कुछ शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने दो बच्चे होने के बाद नसंबंदी टीटी ऑपरेशन करा लिया था, लेकिन नसबंदी ऑपरेशन फेल होने के कारण तीसरे बच्चे का जन्म हो गया। तीन से चार शिक्षकों ने अपने जवाब में बताया है कि उन्होंने तीसरे बच्चे को अपने स्वजनों को गोद दे दिया है, लेकिन उन्होंने गोदनामा के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं।
Madhya Pradesh | District Education Officer in Vidisha issued show-cause notice to govt. teachers & employees in the district seeking an answer for having more than 2 children pic.twitter.com/IuN4Mw6A8V
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 2, 2022