शिवपुरी में कीटनाशक दवा के छिड़काव से किसानों की फसल हो रही तबाह
शिवपुरी में खरपतवार को नष्ट करने के लिए किसानों द्वारा किए जा रहे कीटनाशक दवा से हो रही है फसल बर्बाद
शिवपुरी, 1 अगस्त। शिवपुरी के किसानों के लिए कीटनाशक दवा का छिड़काव किसी वज्रपात से कम ने साबित नहीं हो रहा है, क्योंकि किसान जब जब खेत में लगे खरपतवार को खत्म करने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं तो दवा से खरपतवार के साथ-साथ उनकी फसल भी बर्बाद हो रही है। ऐसा एक या दो किसानों के साथ नहीं बल्कि कई किसानों के साथ हो चुका है, कि किसान अपनी फसल को बचाने दवा छिड़क रहे हैं और दवा की वजह से किसानों की फसल नष्ट हो रही है।
2
दिन
पहले
ही
मुंगावली
गांव
के
एक
दर्जन
किसानों
की
फसल
हुई
बर्बाद
अभी
2
दिन
पहले
की
ही
बात
है
जब
मुंगावली
गांव
के
एक
दर्जन
किसानों
की
मूंगफली
की
फसल
बर्बाद
हो
गई।
किसानों
ने
खरपतवार
को
नष्ट
करने
के
लिए
अपने
खेतों
में
दवा
का
छिड़काव
किया
था
लेकिन
दवा
छिड़कने
के
बाद
उनकी
मूंगफली
की
फसल
पूरी
तरह
नष्ट
हो
गई।
ग्राम
थनरा
के
किसान
के
साथ
भी
दवा
के
नाम
पर
हो
गया
धोखा
शिवपुरी
के
ही
ग्राम
थनरा
में
रहने
वाले
किसानों
के
साथ
दवा
के
नाम
पर
धोखा
हो
गया।
दरअसल
इस
गांव
के
किसानों
ने
खेत
में
खड़ी
खरपतवार
को
नष्ट
करने
के
लिए
उसमें
दवा
डाली
थी
लेकिन
दवा
डालने
के
बाद
खरपतवार
के
साथ-साथ
मूंगफली
की
फसल
भी
पूरी
तरह
बर्बाद
हो
गई।
तकरीबन
13
बीघा
खेत
में
खड़ी
फसल
पूरी
तरह
बर्बाद
हो
गई।
डाक
बंगला
स्थित
चौधरी
ट्रेडर
से
खरीदी
थी
दवा
थनरा
गांव
के
ग्रामीणों
ने
बताया
कि
उन्होंने
अपने
खेत
में
खड़ी
खरपतवार
को
नष्ट
करने
के
लिए
डाक
बंगला
स्थित
चौधरी
ट्रेडर
से
कीटनाशक
दवा
खरीदी
थी
और
इसी
कीटनाशक
दवा
का
छिड़काव
उन्होंने
अपने
खेतों
में
किया
था
लेकिन
कीटनाशक
दवा
के
छिड़काव
के
बाद
उनके
खेतों
में
खड़ी
फसल
पूरी
तरह
ही
तबाह
हो
गई।
दुकानों
पर
धड़ल्ले
से
बिच
रहा
है
नकली
कीटनाशक
इन
दिनों
शिवपुरी
की
में
दुकानों
पर
नकली
कीटनाशक
धड़ल्ले
से
बेच
जा
रहा
है
यही
वजह
है
कि
जब
भी
कोई
किसान
कीटनाशक
दवा
खरीद
कर
ले
जाता
है
और
उसे
अपने
खेतों
में
डालता
है
तो
उस
दवा
से
खरपतवार
के
साथ-साथ
किसान
की
फसल
भी
नष्ट
हो
जाती
है।ऐसे
कई
मामले
अब
तक
सामने
आ
चुके
हैं।
कृषि
विभाग
नहीं
दे
रहा
है
इस
ओर
ध्यान
अपनी
फसल
बर्बाद
हो
जाने
पर
किसान
हर
बार
कृषि
विभाग
समेत
प्रशासनिक
अधिकारियों
से
अपनी
पीड़ा
बयां
करने
पहुंचते
हैं
लेकिन
प्रशासनिक
अधिकारी
और
कृषि
विभाग
इस
ओर
कोई
ध्यान
नहीं
दे
रहे
हैं।
यही
वजह
है
कि
प्रशासनिक
अधिकारियों
की
अनदेखी
के
चलते
भोले-भाले
किसान
नकली
कीटनाशक
के
फेर
में
पढ़
कर
अपनी
फसल
बर्बाद
होते
देख
रहे
हैं।