आज से अडानी ग्रुप के हाथों में लखनऊ एयरपोर्ट, 50 सालों तक सौंपी गई कमान
लखनऊ। लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट का संचालन आज से अडानी ग्रुप करेगा। अडानी ग्रुप के पास इस एयरपोर्ट की जिम्मेदारी अगले 50 साल तक होगी। अडानी ग्रुप के अधिकारी ही एयरपोर्ट के प्रबंधन से लेकर वित्तीय मामलों के फैसले लेंगे। सुरक्षा व्यवस्था की कमान पहले की ही तरह सीआईएसएफ के जवान संभालते रहेंगे। एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार की योजना है। दिल्ली की तर्ज पर अमौसी एयरपोर्ट पर भी मुफ्त पिकअप और ड्रॉप सेवा भी उपलब्ध कराई जा सकती है। एयरपोर्ट के निदेशक एके शर्मा ने कहा कि एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने से करोड़ों की योजनाओं को गति मिलेगी। इसमें 1400 करोड़ से नए टर्मिनल टी3 का निर्माण होना है। वहीं, आठ एप्रन बन रहे हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम अपग्रेड होना है। साथ ही रनवे का विस्तार 2700 से 3500 मीटर करना है।

1986 में बनकर तैयार हुआ था अमौसी एयरपोर्ट
अमौसी एयरपोर्ट 1986 में बनकर तैयार हुआ था। 2008 में इसका नाम चौधरी चरण सिंह कर दिया गया था। 2012 में अमौसी को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिल गया था। इस एयरपोर्ट से 55 लाख से अधिक यात्रियों की सालाना आवाजाही है। 160 से अधिक विमानों का संचालन हो रहा है। वर्तमान में राजधानी से 68 घरेलू और 10 अन्तरराष्ट्रीय वंदे भारत मिशन की उड़ानों का संचालन हो रहा है। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आज से अडानी ग्रुप के हाथ में चला गया है। अब अडानी ग्रुप इसके विकास, प्रबंधन और वित्तीय मामलों के फैसले लेगा। समूह को 50 सालों के लिए एयरपोर्ट की कमान सौंपी गई है।
एयरपोर्ट पर दो नए टैक्सी वे का निर्माण शुरू
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप के साथ हुए करार के मुताबिक, शुरुआती तीन साल तक अडानी समूह के अधिकारी एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेंगे। फायर फाइटिंग सिस्टम और इंजीनियरिंग सेवाएं भी अडानी ग्रुप के अधिकारी संभालेंगे। एयरपोर्ट पर दो नए टैक्सी वे का निर्माण शुरू हो गया है। इससे जहाज के उतरने के बाद रनवे से एप्रन तक जाने में और आसानी हो जाएगी।
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