कमलेश मर्डर: हत्यारों ने मिठाई के डिब्बे में जानबूझकर छोड़ी थी रसीद, बताया अपना मकसद
लखनऊ। हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारोपी तक पहुंचने में पुलिस के लिए जो सबसे अहम कड़ी रही थी वो था एक मिठाई का डिब्बा। इस मिठाई के डिब्बे में आरोपी हथियार छुपाकर लाए थे। लेकिन अब पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। हत्यारोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह मिठाई के डिब्बे में हथियार लेकर नहीं आए थे। मिठाई के डिब्बे में सिर्फ रसीद थी। वह चाहते थे कि जांच में उनका नाम सामने आए।
मिठाई के डिब्बे में छुपाकर नहीं लाए हथियार
पुलिस की प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आई थी कि हमलावर मिठाई के डिब्बे में हथियार छुपाकर लाए थे और कमलेश तिवारी की हत्या कर फरार हो गए। कमलेश तिवारी की हत्या के बाद घटनास्थल से एक मिठाई का खाली डिब्बा भी पुलिस को मिला था। पुलिस ने देखा कि ये सूरत की घारी मिठाई का डिब्बा था। घारी सूरत की मशहूर मिठाई है और यहीं की दुकान का ये डिब्बा था। इसके बाद सूरत पुलिस से संपर्क किया गया तो एटीएस की टीम इस दुकान पर पहुंची थी। वहीं, अब पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मिठाई के डिब्बे में हथियार लेकर नहीं आए थे।
दुकान के सीसीटीवी किए चैक
सूरत पुलिस की टीम उस दुकान में पहुंची जहां से ये मिठाई खरीदी गई थी। दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे को पुलिस ने चेक किया। पुलिस को मिठाई खरीदते वक्त की सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की शिनाख्त में मदद मिली। इसी से पुलिस ने आधी रात को सूरत से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने अपराध कबूल कर लिया, जिसके बाद पुलिस ने शनिवार को मामले की जानकारी मीडिया को दी।
एक फोन कॉल से मिला आरोपियों का सुराग
गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ही यूपी और गुजरात पुलिस इन दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी थी। कमलेश तिवारी की हत्या का गुजरात कनेक्शन सामने आने के बाद यूपी पुलिस ने वहां की पुलिस से संपर्क साधा था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी ने होटल, लॉज, मदरसों और कई स्थानों पर छापेमारी की लेकिन वे बच निकलने में कामयाब रहे। इस बीच पुलिस ने इनपर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया और इनके पोस्टर भी जारी किए। एक हत्यारोपी ने सूरत स्थित अपने घर पर एक कॉल किया और कुछ पैसों का इंतजाम करने के लिए कहा। यही कॉल एटीएस के काम आ गई और दोनों आरोपियों को एटीएस ने राजस्थान बॉर्डर से दबोच लिया।