लखनऊ: कोरोना संक्रमित थे पूर्व मंत्री भगवती सिंह, अंगदान नहीं अब होगा दाह संस्कार
लखनऊ। वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व मंत्री स्वर्गीय भगवती सिंह के पार्थिव शरीर में कोरोना संक्रमण पाया गया। आज उनके पार्थिव शरीर का बैकुंठ धाम में कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में दाह संस्कार किया जाएगा। बता दें, रविवार को समाजवादी विचारक भगवती सिंह का निधन हो गया था। उन्होंने बीकेटी स्थित चंद्र भानू गुप्ता डिग्री कॉलेज परिसर में अंतिम सांस ली थी। रिवर बैंक कालोनी स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन को लाया गया। भगवती सिंह की मृत्यु के बाद उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार घरवालों ने उनके पार्थिव शरीर को केजीएमयू को दान कर दिया था। शव का परीक्षण करने पर जानकारी मिली कि वे कोरोना संक्रमित थे इसलिए उनके शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए किया था अपना देहदान
भगवती सिंह वर्ष 1977 में पहली बार महोना से विधायक बने और फिर आवास विकास मंत्री बने थे। 1985 में विधायक, 1990 में कैबिनेट में खेलकूद युवा कल्याण मंत्री बने। 1990 में सदस्य विधान परिषद व 1993 में वन मंत्री बने। 1998 में फिर से सदस्य विधान परिषद बने और 2003 में बाह्य सहायतित परियोजना मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2004 में राज्यसभा सदस्य बनाए गए, उन्होंने ही बख्शी का तालाब तहसील की स्थापना भी कराई थी। भगवती सिंह ने मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अपना देहदान कर दिया था।
मुलायम सिंह के करीबियों में शामिल थे भगवती सिंह
बता दें, भगवती सिंह, मुलायम सिंह यादव के करीबियों में शामिल थे। उनकी छवि ईमानदारी व स्वाभिमानी नेता के तौर पर थी। सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक भगवती सिंह ने मुलायम के साथ लंबा संघर्ष किया। भगवती सिंह के साथ में बिताए दिनों की चर्चा करते हुए मुलायत कहते थे कि जेल में वह लाई चना खाकर अपना पेट भर लेते थे। एक समय सपा में भगवती सिंह की बड़ी हैसियत थी, लेकिन अखिलेश-शिवपाल विवाद के बाद सपा के कार्यक्रमों में उनका आना लगभग बंद हो गया था।
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