नारदा स्कैम: पार्टी के चार नेताओं की जमानत पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट जाएगी टीएमसी
नारदा स्कैम मामले में टीएमसी के चार नेताओं की जमानत पर कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के बाद पार्टी ने इस आदेश को चुनौती देने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है।
कोलकाता, 18 मई। नारदा स्कैम मामले में टीएमसी के चार नेताओं की जमानत पर कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के बाद पार्टी ने इस आदेश को चुनौती देने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसी बीच, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और मामले की जांच को पश्चिम बंगाल से बाहर ले जाने के लिए याचिका दायर की है। सीबीआई ने याचिका में आरोप लगाया कि कि पश्चिम बंगाल इस जांच को रोकने की कोशिश की जा रही है।
Recommended Video
मालूम हो कि नारदा स्कैम मामले में सीबीआई ने सोमवार को दो वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी समेत टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता सोवन चर्टर्जी को गिरफ्तार किया था।
चारों की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों को जमानत दे दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को पलटते हुए चारों नेताओं की जमानत को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाते हुए कहा कि चारों नेताओं को जेल में हिरासत में रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय सख्त, कोलकाता भेजी गई चार सदस्यों की टीम
बता दें कि नारदा स्टिंग केस में टीएमसी के नेता सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी के घर पर सोमवार को सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसके बाद सीबीआई चारों को अपने साथ दफ्तर ले गई और लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या
था
नारदा
स्टिंग
केस
बता
दें
कि
साल
2016
में
पश्चिम
बंगाल
चुनावों
से
पहले
सार्वजनिक
किए
गए
नारदा
स्टिंग
टेप
को
2014
में
शूट
किए
जाने
का
दावा
किया
गया
था।
टेप
में
टीएमसी
के
कई
नेताओं
को
कथित
तौर
पर
एक
काल्पनिक
कंपनियों
के
प्रतिनिधियों
से
पैसे
लेते
हुए
देखा
गया
था।
इस
स्टिंग
को
नारदा
न्यूज
पोर्टल
के
एक
पत्रकार
ने
किया
था।
मामला
सामने
आने
के
बाद
कलकत्ता
हाईकोर्ट
ने
साल
2017
में
इस
मामले
की
जांच
सीबीआई
से
कराने
का
आदेश
दिया
था।