Video: 50 पैसे के पोस्टकार्ड से वो बन गया Brand Ambassador, 13 साल के स्टूडेंट की स्किल के मुरीद कटनी कलेक्टर
पोस्टकार्ड का उपयोग आप भले ही भूल गए, लेकिन एमपी के 13 साल का एक स्टूडेंट इसी से ब्रांड एंबेसडर बन गया। उसने स्वच्छता को लेकर कलेक्टर को कुछ सुझाव लिखे थे। जिसके बाद कलेक्टर नौवीं क्लास के इस स्टूडेंट के मुरीद हो गए।
Brand ambassador with 50 paise postcard: नजदीक से दूर विदेश तक पलक झपकते या फिर सांस लेते ही कोई संदेशा पहुंचने के ज़माने में पोस्टकार्ड, अब कोई क्यों याद रखे? संचार क्रांति की बढ़ती दुनिया भी इसे याद रखने नहीं देती। फिर भी आज इसके कुछ कद्रदान हैं। एमपी के कटनी जैसे छोटे जिले में 13 साल के एक बच्चे ने पोस्टकार्ड की यादों को जिंदा कर दिया। महज 50 पैसे के पोस्टकार्ड से वो पूरे जिले का ब्रांड एंबेसडर बन गया हैं। यह सब कैसे हुआ और पोस्टकार्ड में ऐसा क्या लिखा था, जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़िए और वीडियो को देखिए।
MP के कटनी जिले का मामला
सरकारी दफ्तरों में हर रोज डाक का ढेर लगा रहता है। हर रोज आवक-जावक बनी रहती है। विभागीय काम की इतनी पंचायत रहती है कि दिल चाहते हुए अफसर अपने नाम से आने वाली दूसरी चिट्ठी-पत्री न देख पाते है और न ही पढ़ पाते हैं। लेकिन संचार क्रांति के युग में कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने कई सरकारी डाक और पत्रों के साथ पोस्टकार्ड देखा तो वह भी हैरान रह गए। वह खुद को रोक नहीं पाए और सारी डाक एक किनारे रखते हुए सबसे पहले इस पोस्टकार्ड को पढ़ा। जिसे कटनी के ही नौवीं क्लास के छात्र आशुतोष माणके ने लिखा।
CM राइज स्कूल का स्टूडेंट, चिट्ठी में ये लिखा
आशुतोष माणके कटनी के सीएम राइज हायर सेकेंडरी स्कूल में नौवीं क्लास में पढ़ता है। उसकी नजर रोज जब स्कूल आते-जाते वक्त डोर टू डोर कचरा गाड़ी कलेक्शन की व्यवस्था पर जाती हैं, तो वह देखता है कि सूखे और गीले कचरे के दो अलग-अलग डिब्बे है, लेकिन उसका उपयोग नियम मुताबिक नहीं हो रहा। इसके प्रति न तो आम लोग जागरूक है और न ही कचरा कलेक्शन में लगे कर्मचारी। आम लोग पुराना ही तरीका अपनाए हुए हैं। आशुतोष ने कलेक्टर के नाम से लिखे पोस्टकार्ड में अपनी बातों का जिक्र करते हुए सुझाव दिया कि MSW कार्यकर्ताओं, सफाई कर्मचारियों और सभी कचरा गाड़ी ड्राईवरी का विशेष प्रशिक्षण करवाया जाए। ताकि व्यवस्थाओं में सुधार आ सकें।
Recommended Video
चिट्ठी पढ़कर कलेक्टर हुए प्रभावित
आज के समय में पहले तो 50 पैसे के पोस्टकार्ड को देखकर कलेक्टर अवि प्रसाद अचंभित हुए, फिर उसमें लिखी आशुतोष की बातों को जब उन्होंने पढ़ा, तो प्रभावित हुए। शहर की सफाई व्यवस्था के प्रति नेक सुझाव देने वाले आशुतोष से मिलने की कलेक्टर ने इच्छा जाहिर की। उसको अपने दफ्तर में बुलाया गया। आशुतोष अपनी बहन आयुषी के साथ कलेक्टर से मिलने पहुंचे।
|
आशुतोष को बना दिया ब्रांड एंबेसडर
13 साल के इस छात्र के चिट्ठी लिखने और दिए गए सुझावों को लेकर कलेक्टर ने आशुतोष से विस्तार से बातचीत की। जिसमें स्वच्छता के संबंध में आशुतोष ने और कई तरीके भी बताए। इससे प्रभावित होकर उन्होंने आशुतोष को ब्रांड एंबेसडर घोषित कर दिया। कलेक्टर अवि प्रसाद का कहना है कि यह छात्र परिवक्व होने के साथ इसकी कम्युनिकेशन स्किल्स भी अच्छी है। उन्होंने आशुतोष की तारीफ अपने ट्वीटर हैंडिल पर भी की।
एंबेसडर बनने का कभी सोचा ही नहीं था
कलेक्टर से मुलाकात के बाद जब आशुतोष को ब्रांड एंबेसडर घोषित किया गया, तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। आशुतोष का कहना है कि उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि अपनी बात एक पोस्टकार्ड के जरिए पहुंचाने से उसे यह बड़ी उपलब्धि हासिल होगी। उसका कहना था कि उसके दिल में जो ख्याल आया वही शेयर किया। यदि हमारा शहर स्वच्छ रहेगा, तो हमारा जीवन भी स्वच्छ बना रहेगा।
ये भी पढ़े-बहन ने भाई के लिए लिख डाला 434 मीटर लंबा 5 किलो का पत्र, फिर भी बात नहीं हुई पूरी