कानपुर एनकांउटर: पुलिसवालों की लाशों को तेल डाल जलाना चाहता था विकास दुबे, बताया कुल्हाड़ी से क्यों काटा CO का पैर
लखनऊ। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ लिया गया है। उसे यूपी लाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। 'न्यूज18' की खबर के मुताबिक, सूत्रों से पता चला कि है कि विकास दुबे ने बिकरू गांव में मुठभेड़ की रात को लेकर बयान दिया है। विकास ने बताया कि है सबूत मिटाने के लिए पुलिसकर्मियों के शवों को जलाने की तैयारी थी, लेकिन मौके नहीं मिल पाया और उसे भागना पड़ा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि विकास ने कबूलनामे में बताया कि घर के ठीक बगल में कुएं के पास 5 पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, ताकि आग लगाकर सबूत मिटाए जा सकें।
पुलिसकर्मियों के शवों को जलाशे का था प्लान
विकास ने बताया कि आग लगाने के लिए घर में भारी मात्रा में गैलनों में तेल रखा गया था। एक 50 लीटर के गैलन में रखे तेल से पुलिसकर्मियों के शवों को जलाने का इरादा था, 5 पुलिसकर्मियों के शवों को एक के ऊपर एक रख भी दिया गया था, लेकिन जलाने का मौका नहीं और वह फरार हो गया। विकास ने बताया कि उसकी शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र से नहीं बनती थी। सीओ ने कई बार उसे देख लेने की धमकी दी थी। कई बार बहस भी हो चुकी थी।विकास ने बताया कि एसओ विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ देवेंद्र मिश्रा खिलाफ है।
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सीओ देवेंद्र मिश्रा के पैर को इसलिए कुल्हाड़ी से काटा
विकास ने कहा कि सीओ देवेंद्र मिश्रा को उसने नहीं बल्कि उसके आदमियों ने सामने के मकान में मामा के घर में मारा था। उसने बताया कि सीओ के पैर पर कुल्हाड़ी से इसलिए वार किया गया, क्योंकि वो बोलते थे कि विकास का एक पैर गड़बड़ है, दूसरा भी सही कर दूंगा। विकास ने बताया कि सीओ देवेंद्र मिश्रा के गोली पास से सिर मे मारी गई थी, इसलिये उनका आधा चेहरा फट गया था।
गिरफ्तारी के वक्त चिल्लाया- 'मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला'
बता दें, कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कई दिनों से इस कुख्यात आरोपी की तलाश में जुटी थी। विकास दुबे जब उज्जैन के महाकाल मंदिर जा रहा था, तब उसे एक सुरक्षाकर्मी ने पहचान लिया। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। डरा हुआ बदमाश गिरफ्तारी के वक्त चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद पुलिस उसे पहले महाकाल थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, नरवर थाना और फिर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गई। यहां उससे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। उज्जैन पुलिस ने लखनऊ के दो वकीलों को भी हिरासत में लिया है। ये अपनी निजी गाड़ी से वहां पहुंचे थे।
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