हड़ताल की वजह से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में गुल थी बिजली, पावर ग्रिड पहुंच सेना ने कर दी बहाल
श्रीनगर, 20 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर में बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं और वो जम्मू-कश्मीर पीडीडी के पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में विलय का विरोध कर रहे। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से कई इलाकों में पावर सप्लाई पूरी तरह से ठप पड़ी थी। इसके बाद प्रशासन के अनुरोध पर भारतीय सेना की अभियांत्रिकी सेवा ने मोर्चा संभाला। जिस वजह से अब तक कई इलाकों में बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई है।
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प्रशासन के मुताबिक जम्मू क्षेत्र के 15 से 20 प्रतिशत फीडर प्रभावित हैं। उन्हें ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। कश्मीर में कोई असर नहीं, वहां सब कुछ सामान्य चल रहा है। इसके अलावा कर्मचारी संघ से भी बात चल रही है, ताकि हड़ताल को जल्द खत्म किया जा सके। इस हड़ताल में 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं। हालांकि सेना की मदद के बाद हालात काफी हद तक सामान्य हो गए हैं।
क्या
है
मांग?
कर्मचारी
संघ
ने
बताया
कि
उनकी
पहली
प्रमुख
मांग
निजीकरण
के
फैसले
को
रद्द
करना
है।
इसके
अलावा
जो
डेली
वर्कर
हैं,
उन्हें
नियमित
किया
जाए।
साथ
ही
कर्मचारियों
को
रुका
वेतन
भी
तुरंत
रिलीज
हो।
संघ
ने
आगे
कहा
कि
केंद्र
शासित
प्रदेश
होने
की
वजह
से
जम्मू
कश्मीर
में
सरकारों
द्वारा
बनाई
गई
संपत्तियां
अब
बिक्री
के
लिए
तैयार
हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार की लोगों से अपील, घरों में स्टार रेटेड वाले बिजली उपकरणों का करें इस्तेमाल
उमर
को
नहीं
पसंद
आया
ये
काम
वहीं
उमर
अब्दुल्ला
ने
बिजली
ठीक
करने
में
सेना
की
मदद
लेने
पर
प्रशासन
पर
निशाना
साधा
है।
उन्होंने
ट्वीट
कर
लिखा
कि
जम्मू
संभाग
में
बिजली
के
बुनियादी
ढांचे
को
संचालित
करने
के
लिए
सेना
को
बुलाया
गया
है।
नागरिक
प्रशासन
के
लिए
सेना
को
बुलाने
से
बड़ी
विफलता
कुछ
नहीं
है।
इसका
मतलब
है
कि
जम्मू-कश्मीर
सरकार
ने
शासन
के
पूरी
तरह
फेल
होने
को
स्वीकार
लिया
है।