RAS 2018 : अभ्यर्थियों के समर्थन में आए हनुमान बेनीवाल, सरकार को FB पेज पर दी ये चेतावनी
Jaipur News, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के महीनेभर के भीतर ही बेरोजगार सड़कों पर उतर आए हैं। विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में धरने पर बैठ गए हैं। किसान और युवा पर फोकस करने का दावा करने वाली राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अभी तक बेरोजगारों की सुध नहीं ली है।
15 जनवरी से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होने से प्रदेश के तमाम विधायक भी राजधानी जयपुर पहुंचे, मगर कांग्रेस सरकार के साथ-साथ अन्य विधायकों ने भी इन बेरोजगारों की पीड़ा जानने की जहमत तक नहीं उठाई। हालांकि विधायक हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर बेरोजगारों का समर्थन करते सरकार को इसका अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली है। बता दें आपको कि आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा 29 जनवरी 2019 को प्रस्तावित है। धरनार्थी परीक्षा की अवधि बढ़ाने समेत कई मांगों को लेकर 12 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
धरनार्थियों की मांगें
1.
आरक्षित
वर्गों
को
भी
सामान्य
वर्ग
के
समान
न्यूनतम
चार
माह
का
समय
दिया
जाए।
2.
जब
तक
आरएएस
2016
के
चयनितों
को
नियुक्ति
ना
दी
जाए
तब
तक
आएएस
2018
को
मैन्स
ना
हो।
3.
आरक्षण
की
सही
व्यवस्था
की
जाए।
4.
आपत्तिजनक
प्रश्नों
का
जब
तक
निस्तारण
ना
हो
तब
आरएएस
2018
की
मुख्य
परीक्षा
ना
हो।
हनुमान बेनीवाल बोले-शासन को भुगतान पड़ेगा अंजाम
नागौर के खींवसर विधायक धरनार्थियों के समर्थन में उतर आए हैं। 17 जनवरी की शाम को अपने अधिकृत एफबी पेज पर पोस्ट करके हनुमान बेनीवाल ने कहा कि RAS 2016 में चयनित अभ्यर्थी 10 हजार रुपए प्रतिदिन देकर जयपुर के एक मैरिज गार्डन में खुद की नियुक्ति की मांग को लेकर धरने बैठे हैं।
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यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विगत सरकार की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली की वजह से इन्हें नियुक्ति से वंचित रहना पड़ा और वर्तमान सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। पुलिस और प्रशासन जबरन उनके धरने पर कार्रवाई कर रही है, जो गलत है। सोशल मीडिया के मंच से सरकार यह सुन लें कि किसान के बेटे और बेटियां, जो मेहनत करके RAS में पास हुए हैं। उन्हें तत्काल नियुक्ति नहीं दी तो अंजाम शासन को भुगतना होगा।