जयपुर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

राजस्थान का यह शख्स जिंदा है, फिर भी इसे सरकार मान रही मृत, जानिए पूरा मामला, VIDEO

Google Oneindia News

टोंक, 20 मई। राजस्थान के टोंक जिले में निवाई के बरोनी गांव में 66 वर्षीय जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद से वह अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए पिछले छह माह से ग्राम पंचायत बरोनी के दरवाजे खटखटा रहा, लेकिन उसके जिंदा होने के प्रमाण कोई नहीं मान रहा है। मामला निवाई उपखंड मुख्यालय पर आ पहुंचा है। ग्राम पंचायत बरोनी की एक लापरवाही के चलते पीड़ित को अपना गांव तक छोड़ना पड़ा है। उसे सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली पेंशन भी बंद कर दी गई है।

Recommended Video

राजस्थान का यह शख्स जिंदा है, फिर भी इसे सरकार मान रही मृत, जानिए पूरा मामला, VIDEO
 750 रुपए प्रतिमाह मिलती थी पेंशन

750 रुपए प्रतिमाह मिलती थी पेंशन

पीड़ित रामफूल पुत्र नारायण गाड़िया लुहार निवासी बरोनी ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 6 जुलाई 2020 को ग्राम पंचायत बरोनी में आवेदन किया था। 10 अगस्त 2020 को सामाजिक सुरक्षा योजना पेंशन स्वीकृत हो गई थी और 750 रुपए प्रतिमाह मिलने लगे थे। लगातार पांच माह तक पेंशन मिलती रही। दिसम्बर माह के बाद पेंशन नहीं मिलने पर वह करीब चार माह से ग्राम पंचायत बरोनी कार्यालय पर सैकड़ों चक्कर लगा चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

अधिकारियों ने नहीं सुनी

अधिकारियों ने नहीं सुनी

पीड़ित रामफूल ने बताया कि पंचायत प्रशासन ने यह कहकर लौटा दिया कि तुम्हें पेंशन नहीं मिलेगी, क्योंकि उसे मृत घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भी रामफूल ने बार-बार ग्राम पंचायत कार्यालय पर जाकर गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने सुनी। जन सुनवाई और अन्य कार्यक्रमों में आए अधिकारियों को भी अपनी समस्या से अवगत कराया था, लेकिन किसी ने नहीं सुनी, जिसके बाद गांव छोड़कर खाने कमाने के लिए निवाई आ गया।

 तीन पुत्र व तीन पुत्रियां

तीन पुत्र व तीन पुत्रियां

रामफूल ने बताया कि उसके 3 पुत्र और 3 पुत्रियां हैं। एक पुत्र की शादी हो गई वह खाने कमाने निकला हुआ है। परिवार बड़ा है और आमदनी कम होने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। कोरोना के चलते रोजगार ही नहीं मिल रहा है। ऐसे में निवाई आया हुआ है। यहां भी कोई रोजगार नहीं है।

 एक मात्र सहारा थी पेंशन

एक मात्र सहारा थी पेंशन

रोजी-रोजी का एक मात्र सहारा पेंशन भी पंचायत प्रशासन की लापरवाही के चलते बंद होने पर उसके सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया। पीड़ित ने बताया कि इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत के अधिकारियों के समक्ष स्वयं का आधार कार्ड लेकर पहुंचा और बताया वह जिंदा है, लेकिन लापरवाह अधिकारियों ने कोरोना काल हवाला देकर वापस भेज दिया गया।

राजस्थान: सोमलपुर गांव में एक महीने में 44 मौतें, ज्यादातर में थे कोरोना के लक्षणराजस्थान: सोमलपुर गांव में एक महीने में 44 मौतें, ज्यादातर में थे कोरोना के लक्षण

 यूं हुआ खुलासा

यूं हुआ खुलासा

मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब वह बैंक में पेंशन लेने गया और बैंक ने पेंशन बंद होने की जानकारी दी। इसके बाद वह ई-मित्र पर पहुंचकर अपनी पेंशन की स्थिति को देखा तो उसके होश उड़ गए, क्योंकि 25 जनवरी 2021 को उसे कागज़ी रूप से मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी गई।

Comments
English summary
Ramphool of village Baroni in Tonk district of Rajasthan, considered dead pension stopped
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X