बहन ने ओढ़नी फाड़कर बांधी शहीद भाई को राखी, दस साल का बेटा बोला-फौजी बनकर पाक से लूंगा बदला
Rajeev shekhawat: शहीद का 10 वर्षीय बेटा बोला-'इंडियन आर्मी ज्वाइन कर पाकिस्तान से लूंगा बदला'
जयपुर। राजस्थान के जयपुर के लुहाकना खुर्द में सोमवार को भारतीय सेना की 5 राजपूत रेजिमेंट के जवान शहीद राजीव सिंह शेखावत को अंतिम विदाई दी गई। शहीद की पार्थिव देह के दर्शन करने हजारों लोग उमड़े। पूरे लुहाकना खुर्द गांव का आसमान 'जब तक सूरज चांद रहेगा, राजीव तेरा नाम रहेगा से गूंज उठा' बहन सीमा कंवर ने अंतिम विदाई के दौरान अपनी ओढ़नी फाड़कर शहीद को राखी बांधी। यह देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।
राजीव सिंह शेखावत : राजपूत परिवार का इकलौता बेटा सीमा पर शहीद, 18 को बर्थडे, अगले साल रिटायरमेंट
शहीद राजीव सिंह शेखावत की पार्थिव देह रविवार रात को दिल्ली से जयपुर जिले के प्रागपुरा पुलिस थाने लाई गई थी। सोमवार सुबह शहीद के घर ले जाई गई। प्रागपुरा पुलिस थाने से शहीद के गांव तक करीब 15 किलोमीटर में लोग 'राजीव सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, वन्देमातरम के नारे लगाते रहे'
दादा व पिता के बाद बेटा भी ज्वाइन करना चाहता है आर्मी
शहीद राजीव सिंह की चिता को उनके 10 साल बेटे के अदिराज सिंह ने मुखाग्नि दी। इसके बाद अदिराज ने कहा कि वह भी सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान से पिता की शहादत का बदला लेगा। बता दें कि राजीव सिंह के पिता शंकर सिंह भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। दादा और पिता के बाद अदिराज ने भी बड़ा होकर भारतीय सेना ज्वाइन करने के इरादे जताए हैं।
शनिवार को शहीद हुए थे राजीव
बता दें कि राजीव सिंह शेखावत भारतीय सेना की 5 राजपूत के रेजिमेंट में थे। शनिवार शाम चार बजे पाकिस्तान ने भारतीय सेना की चोकियों और ग्रामीण इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की, जिसमें भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना की चार चौकियां तबाह हो गई थी और कई जवान मारे गए थे। राजपूत रेजिमेंट के तीन जवान घायल हो गए थे। उपचार के दौरान राजीव सिंह शहीद हो गए। रविवार को पुंछ के जिला अस्पताल राजा सुखदेव सिंह में पोस्टमार्टम के बाद सेना मुख्यालय में अंतिम विदाई देकर पार्थिव देह हेलिकॉप्टर से जयपुर के लिए रवाना की गई।
18 को जन्मदिन, अगले साल रिटायरमेंट
बता दें कि राजीव सिंह शेखावत 2002 में सेना भर्ती हुए थे। दिसम्बर 2019 को छुट्टियों में घर आए थे। उसी समय श्रीगंगानगर में तैनात थे। आठ जनवरी को जम्मू कश्मीर लौटे थे। 18 फरवरी को राजीव का जन्म दिन है, मगर जन्मदिन से दस दिन पहले ही शहीद हो गए और तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे। अगले साल रिटायरमेंट था। शहीद राजीव अपने पिता के इकलौते पुत्र थे। शहीद के एक बड़ी बहन सीमा कंवर है।
गांव में धार्मिक आयोजन स्थिगत
सांसद कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ ने भी शहीद के घर पहुंचकर वीरांगना पत्नी उषा, पिता शंकर सिंह व अन्य परिजनों को ढांढ़स बंधाया। ब्रिगेडियर जयपानसिंह शेखावत ने बताया कि गांव में ही नवनिर्मित सीताराम मंदिर में 14 फरवरी का धार्मिक आयोजन रखा गया था। कार्यक्रम को लेकर निमंत्रण पत्र भी वितरित कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सैनिक राजीव सिंह की शहादत को लेकर धार्मिक आयोजन स्थगित कर दिया गया है।