MP weather update: स्कूली बच्चों की जान लेने पर आमादा जबलपुर प्रशासन ! पारा 5 डिग्री से कम,नहीं बढाई छुट्टियां
एमपी के जबलपुर में पिछले 3 दिनों से पारा 5 डिग्री के नीचे हैं। गलन भरी ठंड के बाबजूद यहां कलेक्टर ने छोटे बच्चों की स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाने का फैसला नहीं लिया। प्रशासन एक तरह से बच्चों की जान लेने तुला है।
MP weather update Jabalpur:मध्य प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंड का कहर बढ़ता ही रहा है। बुंदेलखंड और महाकौशल के कई जिलों में खून जमा देने वाली सर्दी है। इसके मद्देनजर कई शहरों में स्कूलों में मिडिल क्लास तक के बच्चों की 10 या 11 जनवरी तक छुट्टी कर दी गई है। जबलपुर जिले में भी तापमान में लगातार गिरावट जारी है। दूसरे शहरों के मुकाबले यहां प्रशासन ने 7 जनवरी तक सिर्फ प्राइमरी क्लास तक के बच्चों का अवकाश घोषित किया था। जिसे बढ़ाने का कोई फैसला नहीं लिया गया। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि यहां का प्रशासन बच्चों की जान लेने आमादा है।
सर्दी का सितम बरक़रार है। एमपी के कई हिस्सों में तो खून जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। छतरपुर जिले के नौगांव में पारा माइनस में पहुंच गया, उमरिया और डिंडौरी जिले में भी फ्रीजिंग प्वाइंट के करीब न्यूनतम तापमान पहुंचने की स्थिति में है। जबलपुर में बीते तीन दिनों से 5 डिग्री के नीचे तापमान दर्ज हुआ। शनिवार को 4.4 डिग्री, रविवार को 3.6 डिग्री के बाद सोमवार की सुबह 4.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। सोमवार की सुबह की पाली में लगने वाले स्कूली बच्चों को इसी कड़ाके की सर्दी में स्कूल जाने मजबूर होना पड़ा। गलन भरी ठंड के बीच प्राइमरी मिडिल क्लास तक के बच्चों को प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं है। शनिवार 7 जनवरी तक 5 वीं क्लास तक के बच्चों का अवकाश घोषित था। रविवार की देर रात तक अभिभावक इंतजार में थे कि शायद प्रशासन प्रदेश एक दूसरे शहरों की तरह छुट्टियां बढ़ाएगा, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया।
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आलम यह है कि कलेक्टर सौरव कुमार सुमन को फोन उठाने की फुर्सत नहीं। अभिभावक संगठनों ने भी उनसे मोबाइल पर संपर्क साधने का प्रयास किया। उधर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी कहना था कि स्कूलों में छुट्टी बढ़ाने का अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि बाद में देखंगे। जबलपुर शासन स्तर से सभी जिलों को वहां की परिस्थितियों के हिसाब से तत्काल फैसला लेने स्वतंत्र कर दिया गया है, उसके बाबजूद जबलपुर कलेक्टर को छोटे स्कूली बच्चों की कोई परवाह नहीं। ऐसे हालातों में सोमवार की सुबह बच्चों को मज़बूरी में स्कूल भेजने वाले अभिभावक यह कहते नजर आए कि प्रशासन बच्चों की जान लेने तुला है।
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