Jabalpur News: ज़रा सोचिए, डॉक्टर के बदले यदि स्वीपर ऑपरेशन करने लगे तो क्या होगा? ऐसा हो रहा है
(Jabalpur News) आपने डॉक्टरों की लापरवाही के कई किस्से सुने होंगे। चाहे ऑपरेशन थियटर के अंदर या फिर किसी हॉस्पिटल के वार्ड में भर्ती मरीज के इलाज में मनमानी। लेकिन यदि डॉक्टर की तरह कोई सफाई कर्मचारी किसी जिंदा या मृत इंसान की चीर फाड़ करने लगे तो उसे आप क्या नाम देंगे? जी हां, ऐसा ही वाकया मप्र के जबलपुर में सामने आया है, वो भी श्मशानघाट में । जहां 8 महीने की गर्भवती मृत महिला का पेट चिरवाकर मृत बच्चे को निकलवाया गया। इस करतूत को ढोलक बजाने और स्वीपर का काम करने वाले शख्स ने अंजाम दिया। इसका खुलासा पुलिस के पास पहुंचे वीडियो से हुआ।
जबलपुर के ग्रामीण इलाके पनागर का मामला
मप्र के जबलपुर में सनसनी मचाने वाला यह मामला ग्रामीण इलाके पनागर में सामने आया। जहां अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाट पहुंचे गर्भवती मृत महिला के शव के साथ खिलवाड़ किया गया। यह घटना 17 सितंबर की है, जब महिला की तबियत ज्यादा बिगड़ी और उसकी मौत हो गई थी। उसके पेट में 8 माह का गर्भस्थ शिशु भी था। जिसके बाद ससुराल पक्ष के लोग शव लेकर श्मशानघाट पहुंचे थे।
मृतक का करीब डेढ़ साल पहले हुआ था विवाह
जबलपुर पुलिस के पास पहुंची इस शिकायत के मुताबिक मृतक राधा बाई का 24 अप्रैल 2021 को पनागर के रहने वाले गोपी पटेल से विवाह हुआ था। परिवार के लोगों ने बड़े अरमानों से अपनी बेटी राधा के हाथ पीले किए थे। लेकिन उनका आरोप है कि शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुराल वालों ने राधा को तरह-तरह से परेशान करना शुरू कर दिया था। दहेज़ के लिए प्रताड़ित करने लगे थे। इसी दरमियान वह गर्भवती हो गई।
8 माह के गर्भस्थ शिशु को निकालने डॉक्टर बना स्वीपर
25 वर्षीय राधाबाई की जब मौत हुई तो उसके पेट में 8 माह का गर्भस्थ शिशु था। मायके पक्ष ने पुलिस में दिलदहला देने वाला वीडियो शिकायत के साथ दिया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी बेटी के अंतिम संस्कार के ठीक पहले ससुराल वालों ने श्मशानघाट को ऑपरेशन थियटर बना दिया। जहां मृत राधा के पेट से गर्भस्थ शिशु को निकालने एक स्वीपर को बुलाया। उसने भी बेख़ौफ़ होकर ब्लेड से शव का पेट फाड़ दिया, जिसमें बच्चादानी के साथ मृत शिशु निकाला। इस करतूत का वहां मौजूद कुछ लोगों वीडियो बना लिया। जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
राधा के शव को जलाया, शिशु के शव को दफनाया
मृत महिला के पेट से गर्भस्थ मृत शिशु को बाहर निकालने के बाद अंतिम संस्कार की क्रिया की गई। जिसमें अब धार्मिक रीति-रिवाज का हवाला भी दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि नवजात शिशु और छोटे बच्चों को जलाया नहीं जाता, उन्हें दफनाया जाता है। इसलिए राधा के शव का दाहसंस्कार करने के पहले उसके पेट से शिशु को बाहर निकलवाया गया। एक मान्यता यह है भी है कि एक ही चिता पर बच्चे के साथ मां का दाह संस्कार नहीं किया जा सकता।
राधा के मायके वालों ने की कार्रवाई की मांग
इधर एसपी दफ्तर में वीडियो के साथ शिकायत लेकर पहुंची मृतक की मां ने ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए है। जिसकी वजह से राधा की हालत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया। साथ मृत देह के साथ भी क्रूरतापूर्ण व्यवहार के आरोप लगाए है। परिजनों ने ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग की है। वही एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने इस मामले में पनागर पुलिस को जांच करने निर्देश दिए है।
बुलंदशहर में भी ऐसा ही सामने आया था मामला
लगभग बीस साल पहले इसी तरह का मामला यूपी के बुलंदशहर में सामने आया था। जहां दिल्ली के पार्षद आत्माराम गुप्ता की हत्या हो गई थी। सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में खुले आसमान के नीचे मृत आत्माराम का पोस्टमार्टम होते देखा गया था। पोस्टमार्टम करने वाला कोई और नहीं बल्कि स्पीवर ही था। इसी तरह बिहार में टॉर्च की रोशनी में एक घायल महिला के हाथ की सर्जरी स्वीपर द्वारा करने की ख़बर किसी वक्त खूब सुर्ख़ियों में रही।