भूख से दम तोड़ रहे उत्तर कोरिया के लोग, तानाशाह किम जोंग उन ने कहा- 2025 तक कम खाना खाएं लोग
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देशवासियों को कम खाने को कहा है। किम ने कहा कि देश में पहले ही भोजन की कमी चल रही है, ऐसे में कुछ वर्षों तक कम खाना खाएं।
फियोंगयांग, 28 अक्टूबर। इंसान अगर दो वक्त की रोटी पेट भरकर ना खा पाए, तो ऐसे इंसान की किस्मत को आप क्या कहेंगे। पैसों की तंगी के कारण इंसान अपने 50 शौक कम कर सकता है, लेकिन कोई उससे यह कहे कि अपने खाने में कटौती कर दो तो समझो उस इंसान पर क्या बीतेगी। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देशवासियों को कम खाने को कहा है। किम ने कहा कि देश में पहले ही भोजन की कमी चल रही है, ऐसे में कुछ वर्षों तक कम खाना खाएं। उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने कहा है कि जब तक देश 2025 में चीन के साथ अपनी सीमाओं को फिर से खोल नहीं देता, तब तक लोगों को कमी को स्वीकार करना होगा।
भूख से मर रहे लोग
उत्तर कोरिया के लोग पहले ही इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भोजन की कमी के कारण वे सर्दी से कैसे निपटेंगे। खबरों की मानें तो उत्तर कोरिया में भूख के कारण लोग दम तोड़ रहे हैं।
इस वजह से पैदा हुए भुखमरी के हालात
दुनिया के बाकी हिस्सों से कटे उत्तर कोरिया ने कोरोना के कारण 2020 की शुरुआत में चीन के साथ अपनी सीमा बंद कर दी थी क्योंकि सीमित स्वास्थ्य संसाधनों वाले इस देश को कोरोना बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता था। सीमा बंद करने से उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। वहां चीन से सामान नहीं पहुंच रहा है और सामान का भाव सातवें आसमान पर पहुंच गया है और लोग भूखमरी से मर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने हाल ही में कहा था कि उसके यहां 2025 तक भोजन की एमरजेंसी रहेगी और 2025 में भी चीन के साथ उसकी सीमाएं खुलने की उम्मीदें कम ही हैं।
लोगों के पास नहीं है कोई चारा
हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि लोगों के पास किम का आदेश मानने के अलावा और कोई चारा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन का अनुमान है कि उत्तर कोरिया के पास लगभग 860,000 टन भोजन की कमी है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अनुमान लगाया है कि उत्तर कोरिया की लगभग 40% आबादी कुपोषित है। अब उत्तर कोरिया लोगों को खेती करने के लिए मजबूर कर रहा है। इसके अलावा देश पिछले साल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था और 2021 में फिर से बाढ़ और सूखा पड़ा है।