इमरान ख़ान के सऊदी अरब दौरे पर पाकिस्तान के उर्दू मीडिया में क्या चर्चा
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते इमरान ख़ान का सऊदी दौरा और शहबाज़ शरीफ़ को विदेश जाने की इजाज़त से जुड़ी ख़बरें सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रहीं.
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते कोरोना के अलावा इमरान ख़ान का सऊदी दौरा और शहबाज़ शरीफ़ को विदेश जाने की इजाज़त से जुड़ी ख़बरें सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रहीं. सबसे पहले बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सऊदी अरब दौरे की. इमरान ख़ान शुक्रवार को सऊदी अरब के शहर जेद्दा पहुँचे जहाँ सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ख़ुद हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया. वो तीन दिनों के दौरे पर हैं. इमरान ख़ान के साथ उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कु़रैशी और गृह मंत्री शेख़ रशीद समेत एक बड़ा प्रतिनिधि मंडल भी गया है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा पहले से ही सऊदी अरब में हैं.
इमरान ख़ान को अपने ही पूर्व राजनयिकों ने दिखाया 'आईना'
अख़बार दुनिया के अनुसार इमरान ख़ान की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच पाँच समझौतों और तीन एमओयूज़ (मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग) पर दस्तख़त किए गए. लेकिन सबसे अहम बात यह हुई है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सहयोग और संबंधों को और मज़बूत करने के लिए सऊदी-पाकिस्तान सुप्रीम कॉर्डिनेशन काउंसिल गठन करने का फ़ैसला किया गया है. इमरान ख़ान और सऊदी क्राउन प्रिंस दोनों ही इसके सह-अध्यक्ष होंगे. जानकारों के अनुसार इमरान ख़ान और पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष दोनों का एक साथ सऊदी अरब में होना इस क्षेत्र में बदलती हुई स्थिति में और ज़्यादा अहम हो गया है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों ही अपने संबंधों को नए सिरे से देखने के लिए तैयार नज़र आ रहे हैं. पाकिस्तान और सऊदी अरब के संबंधों में पिछले कुछ सालों से वो निकटता नहीं देखी गई है जैसा कि इन दोनों के बीच पहले देखे जाते रहे हैं. जानकारों के अनुसार अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन का ईरान के साथ परमाणु समझौते को दोबारा बहाल करने की कोशिश करना और चीन का ईरान में 400 अरब डॉलर के निवेश के फ़ैसले के कारण सऊदी अरब के रुख़ में बदलाव नज़र आ रहा है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने कहा, "कश्मीर के मसले के समाधान के लिए हमलोग सऊदी अरब की तरफ़ देख रहे हैं. कश्मीर की समस्या के हल में सऊदी अरब एक अहम किरदार अदा कर सकता है." अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान सऊदी अरब को चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर में शामिल करने की कोशिश करेंगे और सऊदी अरब को ईरान के साथ संबंध बेहतर करने में अपनी मदद की पेशकश करेंगे.
शहबाज़ शरीफ़ को हवाईअड्डे पर रोका गया
पाकिस्तान में नेता प्रतिपक्ष और मुस्लिम लीग के प्रमुख शहबाज़ शरीफ़ को लाहौर हाई कोर्ट ने इलाज के लिए लंदन जाने की इजाज़त दे दी लेकिन उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया गया है. अख़बार दुनिया के अनुसार मुस्लिम लीग की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने कहा कि ''शहबाज़ शरीफ़ को अदालती फ़ैसले की ख़िलाफ़ वर्ज़ी करते हुए हवाई अड्डे पर रोका गया है, इससे ज़ाहिर होता है कि जाली हुकूमत किस क़दर डरी हुई है.''
https://twitter.com/MaryamNSharif/status/1390934687628111875
इससे पहले मुस्लिम लीग की प्रवक्ता मरियम औरंगजे़ब ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के कहने पर शहबाज़ शरीफ़ को यह कह कर रोक दिया गया कि सिस्टम में उनके नाम को अपडेट नहीं किया गया है. अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार लाहौर हाई कोर्ट ने आठ मई से तीन जुलाई तक शहबाज़ शरीफ़ को इलाज के लिए देश से बाहर जाने की इजाज़त दे दी थी. अदालत ने सरकार से शहबाज़ शरीफ़ का नाम ब्लैक लिस्ट से हटाने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया था.
सरकारी वकील ने शहबाज़ शरीफ़ को बाहर जाने की इजाज़त दिए जाने का विरोध किया था लेकिन शहबाज़ शरीफ़ के वकील का कहना था कि उनके मुव्क्किल कैंसर के मरीज़ हैं इसलिए उन्हें इलाज के लिए जाने दिया जाए. आख़िरकार अदालत ने उन्हें शर्तों के साथ बाहर जाने की इजाज़त दे दी. अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार केंद्रीय मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि शहबाज़ शरीफ़ का बाहर जाना क़ानून के साथ मज़ाक़ है और सरकार उन्हें रोकने की हर मुमकिन कोशिश करेगी.
अमेरिकी सेना दोबारा अफ़ग़ानिस्तान आ सकती है: ज़िलमे ख़लीलज़ाद
अख़बार दुनिया के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के मामले में अमेरिका के विशेष दूत ज़िलमे ख़लीलज़ाद ने कहा है कि तालिबान ने अगर शांति समझौते का उल्लंघन किया तो अमेरिकी सेना अफ़ग़ानिस्तान में दोबारा वापस आ जाएगी. एक टीवी चैनल को इंटरव्यू में ख़लीलज़ाद ने कहा, "हमलोग अफ़ग़ानिस्तान की जनता के साथ खड़े हैं. अगर तालिबान ने शांति के बजाय युद्ध को तरजीह दी तो अपने दोस्तों की मदद के लिए अमेरिकी फ़ौज दोबारा आएगी." ख़लीलज़ाद हाल ही में उज़्बेकिस्तान, क़तर, अफ़ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान के दौरे से लौटे हैं और बर्लिन में हुई अहम बैठक में भी शामिल हुए थे जिसका मुख्य उद्देश्य 11 सितंबर तक अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का रोडमैप तैयार करना था.
उधर अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बीबीसी रेडियो-4 को एक इंटरव्यू में कहा है कि अमेरिका सिर्फ़ अपनी सेना अफ़ग़ानिस्तान से वापस बुला रहा है, वो अफ़ग़ानिस्तान से नहीं जा रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री का कहना था, "हम अपनी सेना को अफ़ग़ानिस्तान से निकाल रहे हैं मगर हम पीछे नहीं हट रहे हैं. हम जा नहीं रहे हैं. जब अफ़ग़ानिस्तान की मदद करने की बात हो, तो चाहे उसकी आर्थिक मदद हो या उसके सुरक्षाकर्मियों की मदद हो हम गेम में रहेंगे." अख़बार के अनुसार उन्होंने कहा कि इस मामले में पाकिस्तान से उन्हें मदद की दरकार है.
कोरोना
पाकिस्तान में कोरोना की तीसरी लहर का ज़ोर बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान में नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) के अनुसार वहां अब तक क़रीब 19 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं और पिछले कुछ दिनों से हर रोज़ 100 से ज़्यादा लोग मारे जा रहे हैं. पाकिस्तान में इस वक़्त 83 हज़ार से ज़्यादा एक्टिव केस हैं जिनमें से पाँच हज़ार कोरोना संक्रमितों की हालत नाज़ुक है. केंद्रीय मंत्री और एनसीओसी प्रमुख असद उमर ने कहा है कि रमज़ान के आख़िरी कुछ दिन और ईद का पर्व सादगी से मनाएं. पाकिस्तान ने आठ मई से 16 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
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