पाकिस्तान के मरी में फंसी गाड़ियों में होने वाली मौतें: कार्बन मोनोऑक्साइड ज़हर क्या है?
पाकिस्तान के पर्यटन स्थल मरी में भारी बर्फ़बारी से कम से कम 22 पर्यटकों की मौत हो गई और बहुत से लोग फंसे हुए हैं.
पाकिस्तान के पर्यटन स्थल मरी में भारी बर्फ़बारी से कम से कम 22 पर्यटकों की मौत हो गई और बहुत से लोग फंसे हुए हैं जिनके बचाव के प्रयास जारी हैं.
सूचना के अनुसार सबसे ज़्यादा मौतें गिल्डना इलाक़े में बर्फ़ में फंसी चार गाड़ियों में हुई हैं.
गल्यात विकास प्राधिकरण के प्रवक्ता अहसन हमीद के मुताबिक़, गल्यात में महज़ एक दिन में तीन फ़ीट बर्फ़ पड़ी, जबकि शुक्रवार से पहले चार दिन तक चले दूसरे चरण में कुल ढाई फ़ीट बर्फ़ पड़ी जिससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
ये मौतें हाइपोथर्मिया यानी बहुत ज़्यादा ठंड से हुईं या कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण दम घुटने से हुईं, इसके बारे में तो मेडिकल जांच के बाद अधिकारी ही बताएंगे.
लेकिन एक बात ग़ौरतलब है कि गाड़ियों में दम घुटने या कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) में साँस लेने से दुनिया भर में मौतें होती रहती हैं, जबकि बहुत से लोगों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है. इसीलिए घरों और गाड़ियों में इसके बारे में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
कार्बन मोनोऑक्साइड क्या है?
कार्बन मोनोऑक्साइड एक रंगहीन, स्वादहीन, गंधहीन गैस है. इसमें सांस लेना घातक हो सकता है या दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
कार्बन मोनोऑक्साइड ज़हर के लक्षण दूसरी बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, जैसे कि फ़ूड पॉइज़निंग या बिना बुख़ार वाला फ़्लू.
अमेरिका के कंज़्यूमर प्रोडक्ट सेफ़्टी कमीशन का कहना है कि कार्बन मोनोऑक्साइड की कम मात्रा से सिरदर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ़, मितली और चक्कर आ सकते हैं, लेकिन शरीर में इसकी ज़्यादा मात्रा जाने से उल्टी होने, शरीर का संतुलन बिगड़ने, बेहोश होने के अलावा इंसान की मौत भी हो सकती है.
अंदरूनी कंबशन इंजनों से चलने वाली चीज़ें जैसे पोर्टेबल जनरेटर, कार, लॉन की घास काटने वाली मशीन और पावर वॉशर जैसे उत्पाद और उपकरण भी कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा करते हैं.
एग्झॉस्ट सिस्टम में लीकेज होने के कारण गाड़ियों में कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा हो सकता है या अगर किसी वजह से एग्झॉस्ट सिस्टम बंद हो जाए तो ये गाड़ी के अंदर आने लगता है.
इससे बचने के लिए क्या करें?
इसीलिए आमतौर पर कार का एसी ऑन करके और गाड़ी के सभी खिड़की शीशे पूरी तरह से बंद करके गाड़ी में सोने से मना किया जाता है क्योंकि लीकेज होने पर ऐसा करना घातक हो सकता है.
सामान्य परिस्थितियों में भी ये सलाह दी जाती है कि कार्बन मोनोऑक्साइड ज़हर से बचने के लिए, साल में एक बार अपनी कार के एग्झॉस्ट सिस्टम की जांच ज़रूर कराएं.
बंद गैरेज में कभी भी कार या ट्रक को चालू न करें, हमेशा दरवाज़े खोल दें ताकि ताज़ी हवा मिल सके और अगर आप गाड़ी का पिछला दरवाज़ा (टेलगेट) खोलते हैं तो खिड़कियों और शीशों को भी खोल दें ताकि हवा बाहर निकलती रहे क्योंकि अगर केवल पिछला दरवाज़ा खुला होगा, तो बहुत संभव है कि एग्झॉस्ट से निकलने वाली गैस कार के अंदर खिंची चली जाए.
मरी के मामले में यह देखा गया है कि गाड़ियां बर्फ़ में इतनी फंसी हुई हैं कि साइलेंसर का मुंह बिल्कुल बंद हो गया होगा. इसके अलावा बाहर की ठंड से बचने के लिए कार का इंजन चालू रखना भी स्वाभाविक है.
ऐसे मामलों में, कार्बन मोनोऑक्साइड का गाड़ी में फैल जाना और गाड़ी के अंदर की हवा को ज़हरीला कर देना स्वाभाविक है.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
मरी के मामले में बहुत से यूज़र्स ने ट्विटर पर चिंताएं ज़ाहिर की हैं.
कमलेश सिंह ताऊ लिखते हैं, ''मरी में जो हुआ वो ग़लती हम आमतौर पर करते हैं. ठंड से बचने के लिए कार के हीटर को ऑन रखते हैं. बर्फ़ की परतें एग्झॉस्ट को बंद कर देती हैं. एग्झॉस्ट की गैस कार के केबिन में भर जाती है."
"कार्बन मोनोऑक्साइड का ज़हर मीठा और इसकी रफ़्तार धीमी होती है और इसके शिकार को पता भी नहीं चलता और इंसान मौत के मुंह में चला जाता है."
पाकिस्तान में राष्ट्रीय राजमार्ग और मोटरवे पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल इनाम ग़नी ने लिखा है, "ख़ुदा न करे अगर आपकी कार बर्फ़ में फंस जाए और आपका इंजन चल रहा हो तो आप खिड़की को हल्की सी खोल कर एग्झॉस्ट साइलेंसर पाइप से बर्फ़ साफ़ कर दें."
जबकि डॉक्टर फ़हीम यूनुस ने लिखा है, "मरी में होने वाली मौतें ठंड से हुई हैं या कार्बन मोनोऑक्साइड के ज़हर से?"
उन्होंने आगे लिखा, "कार्बन मोनोऑक्साइड रंगहीन और घातक है. अगर रुकी हुई कार बर्फ़ में धंस जाती है, तो एग्झॉस्ट (साइलेंसर) बंद होने से कार में रहने वाले की जल्दी मौत हो सकती है."
डॉक्टर अरसलान हैदर ने लिखा है कि मरी में 20 से ज़्यादा लोगों की मौत कड़ाके की ठंड से नहीं हुई.
उन्होंने लिखा, "ये सब कार्बन मोनोऑक्साइड के ज़हर से मरे हैं और इसकी वजह वेंटिलेशन की कमी, इंजन का चलना और साइलेंसर का बंद होना है. काश लोगों को पता होता कि थोड़ी सी खिड़की खुली रखनी चाहिए."
भारी बर्फ़बरी में फंस जाएं तो क्या करें?
दुनिया भर में बर्फ़ गिरने से पहले चेतावनी जारी की जाती है कि इस क्षेत्र में मौसम किसी भी समय ख़राब हो सकता है इसलिए घर पर रहें, लेकिन मरी में अलर्ट जारी करने में बहुत देर की गई.
पर्यावरणविद् तौफ़ीक़ पाशा मेराज ने बीबीसी की सहर बलोच को बताया कि बर्फ़बारी की स्थिति में प्रशासन को सबसे पहले मरी जाने वाले रास्तों को बंद करना चाहिए था.
इस बारे में कुछ एहतियाती उपाय बताते हैं जिन पर अमल करने से बर्फ़ में फंसे पर्यटक और ज़्यादा नुक़सान से बच सकते हैं:-
- जो लोग अपने बच्चों या परिवार के साथ गाड़ियों में फंसे हैं, मदद आने तक पेट्रोल या डीज़ल बचाने के लिए वो अपनी गाड़ियों को बंद कर दें.
- गाड़ी को किसी की मदद से सड़क के किनारे पार्क करें न कि सड़क के बीच में, टायरों पर लोहे की जंज़ीर लगा दें और हो सके तो गाड़ी को गर्म रखने के लिए हीटर न चलाएं.
- लोगों से भरी हुई गाड़ी में भी लोग हीटर ऑन कर देते हैं जिससे गाड़ी में दम घुटने की संभावना बढ़ जाती है और सांस लेने में दिक्कत होती है. अगर आप एक गाड़ी में दो या तीन लोग हैं, तो वैसे भी इंसान की गर्मी से गाड़ी अंदर से गर्म रहेगी.
- किसी भी स्थिति में अपनी कार को छोड़ कर पैदल न चलें क्योंकि आप जहां खड़े हैं उससे आगे कैसा मौसम है इसका अनुमान आप नहीं लगा सकते हैं. सड़क पर अकेले फंसने से गाड़ी के अंदर बैठना ज़्यादा बेहतर है.
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