उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत के पर WHO ने क्या कहा है? जानें पूरा मामला
WHO ने कहा, "हम उज़्बेक अधिकारियों के संपर्क में हैं और अभी भी जानकारी इकट्ठा करने और रिपोर्ट को मान्य करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं।”
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भारत में बनी एक और कफ सिरप फिलहाल विवादों में चल रही है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि भारत में बनी कफ सिरप से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की मौत हो गई है। मारियन बायोटेक कंपनी की बनाई हुई कफ सिरप डॉक-1 मैक्स को पीने के बाद इन बच्चों मौत हो गई। उज्बेक स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इन कफ सिरप के एक बैच में इथिलीन ग्लायकोल शामिल था जो हानिकारक केमिकल है। उज्बेकिस्तान में हुए इस घटना को लेकर WHO ने भी प्रतिक्रिया जताई है।
जानकारी इकट्ठा कर रही WHO
WHO ने कहा, "हम उज़्बेक अधिकारियों के संपर्क में हैं और अभी भी जानकारी इकट्ठा करने और रिपोर्ट को मान्य करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं।" ये मामला सामने आने के बाद मारियन बायोटेक ने मैनुफैक्चरिंग का काम रोक दिया है। इसके साथ ही नोएडा की फार्मा मैरियन बायोटेक कंपनी भी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है क्योंकि यह पता लगाना है कि उज्बेकिस्तान के एक ही अस्पताल से इतने मामले क्यों आए।
सभी बच्चों की उम्र 6 साल से कम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उज्बेक स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सांस की गंभीर बीमारी से जूझ रहे 21 में से 18 बच्चों ने डॉक-1 मैक्स ली थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। बीमार पड़े सभी बच्चों की उम्र 6 साल से कम बताई जा रही है। जांच में यह सामने आया है कि हॉस्पीटल में भर्ती होने से पहले इन बच्चों ने 2 से 7 दिन तक दिन में 3 से 4 बार कफ सिरप ली थी।
बच्चों ने लिया था दवा का अधिक डोज
कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों ने 2.5 से 5 मिलीलीटर तक दवा ली थी, जो स्टैंडर्ड डोज से अधिक है। जानकारी में ये भी सामने आया है कि इन सभी बच्चों को ये कफ सिरप बिना किसी डॉक्टरी सलाह के दी गई थी। इस दवा का मेन कंपोनेंट पैरासिटामोल है, इसलिए सर्दी-जुकाम होने पर माता-पिता ने बिना डॉक्टरी सलाह के फार्मेसी से इस दवा को खरीद लिया था और यही मरीजों की हालत बिगड़ने का कारण था।
भारत सरकार ने दिए जांच के निर्देश
भारत सरकार ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज कहा कि खांसी की दवाई डॉक1 मैक्स में संदूषण की खबरों के मद्देनजर नोएडा स्थित फार्मा कंपनी की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है। गुरुवार को चार ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने कंपनी के प्लांट का निरीक्षण किया। इस टीम में केंद्र की ओर से भेजे गए दो ड्रग इंस्पेक्टर, एक नोएडा के ड्रग इंस्पेक्टर और एक मेरठ डिविजन के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर शामिल थे।
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