अमेरिकी कांग्रेस की हिंदूू सदस्य तुलसी गबार्ड ने गे-विरोधी टिप्पणी पर वीडियो जारी कर मांगी माफी
वॉशिंगटन।
अमेरिकी
कांग्रेस
की
पहली
हिंदू
सदस्य
तुलसी
गबार्ड
ने
वीडियो
जारी
कर
पूर्व
में
एलजीबीटी
समुदाय
के
खिलाफ
कई
गई
टिप्पणी
पर
माफी
मांगी
है।
हवाई
से
सीनेटर
तुलसी
को
अपने
इस
तरह
के
बयानों
पर
खासी
आलोचना
का
शिकार
होना
पड़ा
है।
पिछले
दिनों
सीएनएन
को
दिए
एक
इंटरव्यू
में
तुलसी
ने
ऐलान
किया
था
कि
वह
साल
2020
में
होने
वाले
अमेरिकी
राष्ट्रपति
चुनावों
में
अपनी
किस्मत
आजमाएंगी।
37
वर्षीय
तुलसी
को
इराक
वॉर
में
उनके
योगदान
के
लिए
सराहा
जाता
है।
वह
पहली
समोअन
अमेरिकी
हैं
जो
कांग्रेस
के
लिए
चुनी
गई
थीं।
गबार्ड
ने
कहा
कि
उनके
चुनाव
प्रचार
में
युद्ध
और
शांति
के
मुद्दे
पर
सबसे
ज्यादा
ध्यान
रहेगा।
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सेम सेक्स मैरिज के खिलाफ अभियान
तुलसी ने एलयांस फॉर ट्रेडीशनल मैरिज एंड वैल्यूज के साथ मिलकर सेम सेक्स मैरिज के खिलाफ अभियान चलाया था। उस समय तुलसी अपनी उम्र के 20 के दशक में थीं और स्टेट रिप्रजेंटेटिव के तौर पर राजनीति में सक्रिय थीं। गबार्ड के पिता इस समय होनोलूलु सिटी काउंसिलमैन में स्टेट सीनेटर हैं। उन्होंने ही एलयांस फॉर ट्रेडीशनल मैरिज एंड वैल्यूज संगठन की स्थापना की थी। गबार्ड ने जो वीडियो रिलीज किया है उसमें वह कहती हुई नजर आ रही हैं कि वह एक सामाजिक रुढ़िवादी घर में पली बढ़ी हैं।
जिंदगी ने बदली सोच
तुलसी के मुताबिक उनका पालन पोषण इस तरह से हुआ है कि जहां पर यह विश्वास है कि शादी एक महिला और पुरुष के बीच का ही रिश्ता होना चाहिए। वीडियो में तुलसी ने कहा कि पिछले कुछ समय में दौरान जिंदगी के अनुभवों ने उनकी इस सोच को बदला है। तुलसी ने कहा, 'जब हम एलजीबीटी लोगों को उन मौलिक अधिकारों से वंचित रखते हैं जो बाकी अमेरिकियों को हासिल हैं, तो हम मानवता को मानने से इनकार कर देते हैं, हम इस बात को मानन से इनकार कर देते हैं कि हम समान हैं। हम इसके साथ ही एक ऐसा माहौल भी तैयार कर रहे हैं जहां पर भेदभाव और हिंसा को बढ़ावा मिलेगा।'
भेदभाव का सामना करने को मजबूर समुदाय
गबार्ड ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ हैं कि एलजीबीटी समुदाय के लोगों को आज तक भेदभाव का सामना करना पड़ता है और उन्हें इस बात का डर सताता है कि उनके अधिकारों को उनके विरोधी छीन लेंगे। साल 2011 में तुलसी ने पहली बार अमेरिका कांग्रेस के चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई थी। गबार्ड ने कहा कि वह अपने गे मैरिज को लेकर अपने विचार बदल चुकी हैं। इराक और कुवैत में हवाई नेशनल गार्ड के साथ उनके डेप्लॉयमेंट ने विचारों को बदलने में अहम योगदान किया है।
मीडिल ईस्ट में तैनाती ने बदली सोच
तुलसी की मानें तो मिडिल ईस्ट में जब वह तैनात थीं उन्होंने अपने इस विचार को बदला कि यह सरकार का जिम्मा है कि वह हमें व्यक्तिगत नैतिकता के बारे में बताए। तुलसी पहली हिंदु हैं जो अमेरिकी चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। गबार्ड हवाई से अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य हैं। वह पहली बार साल 2012 में कांग्रेस के लिए चुनी गई थीं । वर्तमान में गबार्ड सीनेट की ताकतवर विदेशी मामलों की समिति की सदस्या भी हैं। साल 2013 में तुलसी डेमोक्रेटिक पार्टी की नेशनल कमेटी की वाइस-चेयरमैन थीं।