‘अगर ट्रंप कहें तो हम अगले हफ्ते ही चीन पर परमाणु हमला कर सकते हैं’
अमेरिकी एडमिरल ने कहा कि हम अगले हफ्ते चीन पर परमाणु हमला करने के लिए तैयार हैं, अगर डोनाल्ड ट्रंप कहें
नई दिल्ली। अमेरिका के पैसिफिक फ्लीट कमांडर स्कॉट स्विफ्ट ने कहा कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप आदेश करें तो अगले हफ्ते ही वह चीन पर परमाणु हमला कर देंगे। फ्लीट का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है। हालंकि उन्होंने यह बयान एक काल्पनिक सवाल के जवाब में दिया है।
एक सेमिनार के दौरान दिया बयान
दरअसल वह ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय विश्विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल पर अपना जवाब दे रहे थे। यह कार्यक्रम अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास के बाद आयोजित किया गया था। यह युद्धाभ्यास प्रशांत महासागर से लगे हुए उत्तर पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई तट पर आयोजित किया गया था। गौर करने वाली बात यह है कि चीनी सेना के सूचना विभाग भी इस युद्धाभ्यास पर नज़र रखे हुए था।
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हमेशा निष्ठावान रहना चाहिए
कार्यक्रम
के
दौरान
दर्शकों
में
से
किसी
ने
जब
स्विफ्ट
से
पूछा
कि
क्या
वह
राष्ट्रपति
ट्रंप
के
आदेश
पर
अगले
हफ्ते
चीन
पर
परमाणु
हमला
करेंगे
तो
उन्होंने
ने
जवाब
में
हामी
भरते
हुए
कहा
कि
यह
उनका
कर्त्तव्य
है।
इसके
साथ
ही
उन्होंने
अमेरिकी
सेना
को
अपने
सीनियर्स
के
प्रति
हमेशा
निष्ठावान
बने
रहने
की
भी
सलाह
दी
है।
राष्ट्रपति का आदेश मानना हमारा फर्ज
स्विफ्ट
ने
आगे
बताया
कि
अमेरिका
की
सेना
के
हर
सदस्य
ने
वहाँ
के
संविधान
को
बाहरी
और
आतंरिक
खतरों
से
बचाने
की
शपथ
ले
रखी
है।
इसके
अलावा
सेना
के
हर
जवान
और
अधिकारी
ने
अपने
सीनियर्स
तथा
राष्ट्रपति
के
आदेश
का
पालन
करने
की
भी
कसम
खा
रखी
है।
यह
अमेरिका
के
लोकतंत्र
का
मूलभूत
सिद्धांत
है।
आगे
उन्होंने
कहा
कि
जब
कभी
भी
जनता
के
प्रतिनिधियों
का
सेना
पर
से
नियंत्रण
खत्म
हो
जाता
है,
ऐसे
समय
पर
लोकतंत्र
का
अस्तित्व
खतरे
में
पड़
जाता
है।
गलत नहीं समझा जाना चाहिए
पैसिफिक फ्लीट के प्रवक्ता कप्तान चार्ली ब्राउन ने बाद में बताया की स्विफ्ट के जवाब से अमेरिकी सरकार का सेना पर नियंत्रण होने की पुष्टि होती है। ब्राउन ने आगे स्पष्ट किया की कमांडर के जवाब को गलत नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने पूछे गए सवाल के छुपे हुए सिद्धांत का जवाब दिया था जोकि लोकतंत्र में सेना और सरकार के बीच के रिश्तों के बारे में बताता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह सवाल बिल्कुल निराधार और व्यर्थ है।
हर दो साल में होता है युद्धाभ्यास
यह युद्धाभ्यास हर दो साल में एक बार आयोजित कराया जाता है। इसमें 36 जंगी जहाजों, 220 लड़ाकू विमानों और 33000 जवानों ने हिस्सा लिया। इस युद्धाभ्यास पर ऑस्ट्रेलियाई तट के पास से चीनी सेना के टाइप 815 दोंगडिआओ क्लास के सूचना जलयान ने नजर बनाए हुए था।