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अमेरिका में होता है H-1B वीजा धारक भारतीय इंप्‍लॉयीज का शोषण, मिलती है कम सैलरी!

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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि वह एच-1बी वीजा के नियमों में बदलाव करेंगे। इन नए बदलावों के तहत देश में इस तरह का वीजा रखने वालों को नागरिकता मिलने की संभावना होगी। अब एक थिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों के पास एच-1बी वीजा है उन्‍हें बहुत ही खराब स्थितियों में काम करना पड़ता है और इन लोगों का शोषण होने की संभावना काफी ज्‍यादा होती है। गुरुवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों के पास यह वीजा है उन्‍हें काम के बदले मिलने वाली रकम में भी इजाफा होना चाहिए। यह रिपोर्ट भारतीयों के लिए इसलिए और भी ज्‍यादा अहम हो जाती है क्‍योंकि इस वीजा के धारकों में भारतीयों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है।

खराब स्थितियों में काम करने को मजबूर इंप्‍लॉयीज

खराब स्थितियों में काम करने को मजबूर इंप्‍लॉयीज

अमेरिका के साउथ एशिया सेंटर ऑफ द अटलांटिक काउंसिल की ओर से एच-1बी वीजा पर नई रिपोर्ट लाई गई है। इस रिपोर्ट में जहां खराब स्थितियों की बात कही गई तो यह भी कहा गया है कि इंप्‍लॉयीज को बेहतर काम करने वाले हालातों और अच्‍छे रोजगार अधिकारों को देने की वकालत भी की गई है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब राष्‍ट्रपति ट्रंप जल्‍द ही एच-1बी वीजा में नए बदलावों का ऐलान करने वाले हैं। पिछले दिनों ट्रंप ने अपनी एक ट्वीट में इस बात की तरफ इशारा किया था। उन्‍होंने इस ट्वीट में लिखा था, 'अमेरिका में एच-1बी धारकों को सुनिश्चित किया जा सकता है कि अगले कुछ दिनों में बदलाव होंगे जिनके जरिए आपके निवास में निश्चितता आ सकती है और साथ ही संभावित नागरिकता का रास्‍ता भी खुल सकता है।'

मिलती है बहुत कम सैलरी

मिलती है बहुत कम सैलरी

इस रिपोर्ट को हॉवर्ड यूनिवर्सिटी की रॉन हिरा ने तैयार किया है। इसके अलावा साउथ एशिया सेंटर ऑफ द एटलांटिक काउंसिल के हेड भारत गोपालस्‍वामी ने भी उनकी मदद की है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में जो वीजा सिस्‍टम है वह न सिर्फ अमेरिकियों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि उससे एच-1बी वीजा धारकों के शोषण के मौके भी बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, 'एच-1बी वीजा वर्कर्स को बहुत कम सैलरी मिलती है, शोषण का खतरा भी बढ़ जाता है और उन्‍हें बहुत ही खराब स्थितियों में काम करने को मजबूर होना पड़ता है।' अगर सुरक्षा के नियमों को अपनाया जाए तो वीजा धारकों के रहन-सहन के स्‍तर में सुधार आ सकता है। साथ ही साथ इससे अमेरिकी इंप्‍लॉयीज के हितों की भी रक्षा हो सकेगी।

थिंक टैंक ने दिए तीन सुझाव

थिंक टैंक ने दिए तीन सुझाव

थिंक टैंक की ओर से जिन सुधारों की सलाह दी गई है उसमें तीन सुझाव सबसे अहम हैं। इन सुझावों में सबसे पहला सुधार वीजा धारकों की सैलरी बढ़ाया जाना शामिल है। इसमें कहा गया है कि अगर अमेरिका अच्‍छे और सबसे बुद्धिमान वर्कर्स को आकर्षित करना चाहता है तो उन्‍हें अच्‍छी सैलरी की पेशकश की जानी चाहिए। जो दूसरी सलाह रिपोर्ट में दी गई है उसके मुताबिक इंप्‍लॉयर्स को हर बार इस बात का प्रदर्शन करना चाहिए कि उन्‍होंने अमेरिकी वर्कर्स को सक्रियता से शामिल किया है। इसके अलावा योग्‍य लोगों को सही पोस्‍ट की पेशकश की गई है। जो तीसरा सुझाव रिपोर्ट में दिया गया है उसमें कहा गया है कि एच-1बी वीजा प्रोग्राम को एक प्रभावशाली और योग्‍य तंत्र की जरूरत है।

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English summary
A report by an US think tank has said that H-1B holders ‘frequently' placed in poor working conditions.
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