उत्तर कोरिया ने अमेरिका की नाक में किया दम, किम जोंग को लेकर टीम बाइडेन की दुश्मनों से गुहार
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल पहले ही उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधित कर चुका है।
North Korea Kim Jong Un news: पिछले एक महीने में एक के बाद मिसाइलों का परीक्षण कर किम जोंग उन ने अमेरिका की नाक में दम कर दिया है। पिछले महीने उत्तर कोरिया का मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरा था और अब उत्तर कोरियाई मिसाइलों से दक्षिण कोरिया कांप रहा है। वहीं, अमेरिका का मानना है, कि किम जोंग उन को मनाना उसके वश की बात नहीं है और ये काम सिर्फ रूस या चीन कर सकता है। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अमेरिका का मानना है कि, चीन और रूस मिलकर कोई ऐसा उपाय कर सकते हैं, जिससे उत्तर कोरिया एक बार फिर से परमाणु बम का परीक्षण ना करे।
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने क्या कहा?
नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करने वाले अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, अमेरिका ये बात इस साल मई महीने से ही कहता आया है, कि साल 2017 में परमाणु परीक्षण करने के बाद एक बार फिर से परमाणु परीक्षण करने वाला है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी ने ये माना, कि अभी तक अमेरिका इस बात नहीं जानता है, कि उत्तर कोरिय कब परमाणु परीक्षण कर सकता है। अमेरिका के अलावा दक्षिण कोरिया भी पिछले कई महीने से उत्तर कोरिया के सातवें परमाणु परीक्षण को चेतावनी दे रहा है, जबकि संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने पिछले हफ्ते कहा था, कि प्योंगयांग एक और परमाणु परीक्षण के लिए पूरी तरह से तैयार है। अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि, "हमें उच्च स्तर का विश्वास है कि उन्होंने तैयारी कर ली है।" उन्होंने कहा कि, "हम मानते हैं कि वे ऐसा कर सकते हैं, हालांकि मैं आपको यह नहीं बता सकता, कि वो कब ऐसा करने वाले हैं, क्योंकि हमारे पास उस स्तर की जानकारी नहीं है।'
चीन और रूस से अमेरिका की अपील
अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि, वाशिंगटन चाहता है कि, रूस और चीन, उत्तर कोरिया को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि, "हमें लगता है कि वे (उत्तर कोरिया) किस क्षेत्र में परमाणु बम का परीक्षण करेंगे, उसको लेकर फिलहाल कैलकुलेशन कर रहे हैं और मेरा मानना है कि खास तौर पर रूस और चीन अपन प्रभाव का इस्तेमाल करके उत्तर कोरिया को ऐसा करने से रोक सकते हैं।" वहीं, उत्तर कोरिया को संभावित परमाणु परीक्षण से रोकने के लिए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठत बुलाने के लिए कहा है। जहां, चीन और रूस वीटो पॉवर वाले देश हैं। वहीं, जापान ने गुरुवार को कहा है, कि उत्तर कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईएसबीएम) का परीक्षण जापान की तरफ किया है। जिसके बाद जापान ने उस इलाके के लोगों से बंकरों में छिपने के लिए कहा था।
उत्तर कोरिया पर लगें हैं कई प्रतिबंध
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल पहले ही उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधित कर चुका है। यूएनएससी बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के लिए भी उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा चुका है, हालांकि उसके बाद भी किम जोंग उन रूक नहीं रहे हैं। यूएनएससी पहले सामूहिक तौर पर उत्तर कोरिया के खिलाफ कई एक्शन ले चुका है, लेकिन 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद सारे समीकरण बदल गये हैं और अब इस बात की उम्मीद न्यूनतम हैं, कि यूएनएनसी की बैठक के दौरान ये दोनों देश उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका का साथ देंगे। अब यूएनएससी में उत्तर कोरिया पर आम सहमति बनना काफी मुश्किल है। और इसी बात का फायदा किंम जोग उन उठाना चाह रहे हैं।
चीन और रूस का क्या है रूख?
साल 2017 में जब अमेरका उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के खिलाफ यूएनएससी में प्रस्ताव लेकर आया था, उस वक्त चीन और रूस दोनों ने अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसके बाद ही उत्तर कोरिया के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए गये थे, लेकिन अब चीन और रूस के इरादे अलग हैं। जब इस साल मई महीने में अमेरिका ने एक बार फिर से उत्तर कोरिया को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव यूएनएससी में रखा था, तो चीन और रूस, दोनों ने ही अमेरिकी प्रस्ताव का वीटो कर दिया था। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि, उत्तर कोरिया के परमाणु बम के परीक्षण में देरी हुई है और इसके पीछे की बड़ी वजह चीन में राष्ट्रपति का चुनाव था, जो अब खत्म हो चुका है और आशंका है, कि अब उत्तर कोरिया परमाणु हथियार का परीक्षण कर सकता है।
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